रायपुर. बाढ़ और अतिवृष्टि की स्थिति से निपटने मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने उच्च स्तरीय बाढ़ नियंत्रण समिति की बैठक मंत्रालय महानदी भवन में ली. उन्होंने कहा कि आगामी मानसून सीजन को ध्यान में रखते हुए अतिवृष्टि और बाढ़ से निपटने पहले से ही सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर लें. जिलों में आपदा प्रबंधन के लिए एक्शन प्लान तैयार कर लें.

बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि ऐसे क्षेत्र जहां हर वर्ष बाढ़ आने की संभावना होती है, वहां खाद्यान्न, पेयजल एवं अन्य राहत सामग्रियां पहुंचाएं. बाढ़, अतिवृष्टि जैसी आपदा से बचाव के लिए मौसम संबंधी पूर्वानुमानों की जानकारी लोगों को दें. मुख्य सचिव जैन ने कहा कि संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविरों के संचालन के लिए सभी जरूरी तैयारी कर लें. इन क्षेत्रों की सतत निगरानी करें. आवश्यकता पड़ने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने व ठहराने के लिए कैंप आदि की योजना बना लें.

नियंत्रण कक्ष 24 घंटे खुले रहेंगे
मुख्य सचिव ने कहा बाढ़ से बचाव संबंधी जो भी उपकरण जिलों में उपलब्ध हो उन्हें दुरस्त कर लें. जिला स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घंटे चालू रखें. पहुंचविहीन क्षेत्रों में जहां बाढ़ की स्थिति में पहुंचना संभव न हो, वहां पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री, नमक, केरोसीन, जीवन रक्षक दवाईयां आदि पहले से ही संग्रहित करें. पेयजल स्रोतों कुंओं, हैंडपंप आदि का जल शुद्धिकरण कर लें

नदी का जल स्तर बढ़ने पर कंट्रोल रूम को दें सूचना
मुख्य सचिव जैन ने कहा कि जिन जिलों में बड़ी नदी बहती है नदी के जल स्तर पर बराबर नजर रखें और जलस्तर के खतरे के निशान पर पहुंचने की संभावना होने पर इसकी पूर्व सूचना राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम को दें. बड़े जलाशयों पर कंट्रोल रूम स्थापित करें. जलाशयों से जल छोड़ने पर विशेष सावधानी बरती जाए. जलाशयों में नियमित रूप से निकासी के प्रयास किया जाए, ताकि बाढ़ की स्थिति निर्मित न हो. बांधों का जलस्तर बढ़ने पर जल निकासी के लिए निचले जिलों एवं सीमावर्ती राज्यों को 12 घंटे पूर्व सूचना दी जाए.

नगरीय क्षेत्रों में नाले-नालियों की कराएं सफाई
मुख्य सचिव ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति प्रायः नाले व नालियों के अवरूद्ध होने के कारण होती है. नगरीय निकायों के जरिए इनकी वर्षा पूर्व सफाई करा लें. जर्जर भवनों की पहचान कर निवासरत् व्यक्तियों को अन्यत्र बसाने की व्यवस्था की जाए. सड़क आवागमन बाधित न हो इसके लिए पुल-पुलियों की मरम्मत करा लें. बाढ़ के समय दुर्घटनाजन्य स्थानों पर बेरियर आदि की व्यवस्था की जाए.


सहायता के लिए फोन नंबर जारी
मुख्य सचिव ने मौसम का पूर्वानुमान जनहानि को रोकने दामिनी एप व मेघदूत एप किसानों के बनाए गए हैं. गूगल प्ले स्टोर से इन्हें डाउनलोड किया जा सकता है. प्राकृतिक आपदा एवं बाढ़ से निपटने तथा राहत सहायता पहुंचाने राज्य स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है, जिसका फोन नंबर 0771-2223471, 0771-2221242 है.