रायपुर- चीफ सेक्रेटरी आर पी मंडल की समीक्षा बैठक में आज उस वक्त कई जिलों के कलेक्टरों और जिला पंचायत सीईओ की हवा खिसक गई, जब फील्ड की जानकारी लेकर बैठे मंडल के सवालों के वे जवाब नहीं दे सके. दरअसल अधिकारियों को इस बात की उम्मीद नहीं थी कि समीक्षा के दौरान जमीनी जानकारी चीफ सेक्रेटरी के पास मौजूद होगी. हालांकि बैठक में मंडल के अंदाज ने प्रशंसा पाने वालों के साथ-साथ डांट खाने वाले अधिकारियों को भी जमकर प्रभावित किया. बैठक से बाहर निकले अधिकारियों में यह गुफ्तगू होती रही कि अरसे बाद राज्य में प्रशासनिक कामकाज की समीक्षा इस तरह से की गई. चीफ सेक्रेटरी ने अपने मातहत अधिकारियों को मोटिवेट भी किया. कई कलेक्टर यह कहते हुए बैठक से बाहर निकले की यह मंडल स्टाइल वाली बैठक हैं, जहां डांट भी हैं, तो वहीं अच्छे काम की सराहना भी. बैठक के दौरान चीफ सेक्रेटरी ने पांच जिलों के कलेक्टरों के कामकाज पर नाराजगी जाहिर की. वहीं कमिश्नरों को लेकर दो टूक कहा कि सिर्फ शो पीस बनकर न रहे.
 
बता दें कि चीफ सेक्रेटरी का जिम्मा संभालने के बाद आर पी मंडल ने राज्य की प्रशासनिक कामकाज की समीक्षा के लिए सभी 27 जिलों के कलेक्टरों और जिला पंचायत सीईओ की बैठक बुलाई थी. न्यू सर्किट हाउस में हुई इस बैठक का एजेंडा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्राथमिकता वाली योजनाओं के क्रियान्वनय को लेकर था. सूत्र बताते हैं कि आर पी मंडल ने एक-एक जिले में योजनाओं के हालातों की जानकारी जुटा रखी थी. जिलों के समीक्षा के दौरान अधिकारियों की रिपोर्ट पर मंडल ने कईयों के कामकाज को जमकर सराहा, तो वहीं क्रियान्वयन में ढीले रवैये पर गहरी नाराजगी भी जताई. सूत्र बताते हैं कि बैठक की शुरूआत में ही चीफ सेक्रेटरी ने मुख्यमंत्री की लिखी चिट्ठियों का संदर्भ देते हुए योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए. उन्होंने सख्ती दिखाते हुए सरकारी कार्यालयों में आने-जाने का वक्त तय करने, आम जनता की सुनवाई होने के साथ-साथ प्रशासनिक व्यवस्थाओं को दुरूस्त किए जाने के निर्देश दिए हैं. बैठक में चीफ सेक्रेटरी के सख्त मिजाज की जमकर चर्चा होती रही. आर पी मंडल अपने अनूठे काम के अंदाज के लिए पहचाने जाते हैं. प्रशासनिक मुखिया बनने के बावजूद फील्ड की गहरी समझ की वजह से बैठक में मौजूद अधिकारियों के पसीने छूटते दिखे.

पंद्रह दिनों में दोबारा समीक्षा होगी

चीफ सेक्रेटरी आर पी मंडल ने दो टूक कह दिया है कि आज की बैठक में दिए गए निर्देशों का क्रियान्वयन तेजी से किया जाए. उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि हर जिले के कामकाज पर उनकी बारीक नजर होगी. साथ ही पंद्रह दिनों बाद वह खुद दिए गए निर्देशों के क्रियान्वयन की समीक्षा करेंगे. काम में ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों पर सख्ती बरती जाएगी.

अवैध धान रोकने बरती जाए सख्ती

कलेक्टर-जिला पंचायत सीईओ की बैठक में  चीफ सेक्रेटरी  आर पी मंडल ने दो टूक निर्देश देते हुए कहा है कि एक दिसंबर से शुरू होने जा रही धान खरीदी में दूसरे राज्यों से आने वाली अवैध आवक को रोकने सख्ती से कदम उठाए जाएं. उन्होंने कहा है कि इसके लिए बिचौलियों के खिलाफ लगातार कार्यवाही की जाए, जिससे इस पर रोक लगाई जा सके. मुख्य सचिव ने स्पष्ट कर दिया है कि दूसरे राज्यों से धान आने की शिकायत पर उस क्षेत्र के संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बैठक में खरीफ वर्ष 2019-20 में धान खरीदी की तैयारी, लोक सेवा गारंटी अधिनियम, स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहरों की साफ-सफाई, आबादी एवं नजूल भूमि के पट्टों को फ्री होल्ड करने, लंबित डायवर्सन प्रकरणों का निराकरण और प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों की मरम्मत आदि कार्यो की जिलेवार समीक्षा की.  चीफ सेक्रेटरी  ने धान खरीदी की समीक्षा करते हुए कहा कि देश में 2500 रूपए प्रति क्विंटल धान खरीदने वाला छत्तीसगढ़ एक मात्र राज्य है और यहां पर छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती राज्यों से धान की अवैध आवक होती है. इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाए. मंडल ने कहा कि धान खरीदी शुरू होने के साथ ही खरीदी केन्द्रों का रोज सत्यापन किया जाए. उन्होंने कहा कि वह खुद हर 15 दिन में धान खरीदी की समीक्षा करेंगे.
चीफ सेक्रेटरी  ने कलेक्टरों से कहा कि आबादी एवं नजूल भूमि के पट्टों हितग्राहियों को भू-स्वामी का हक मिलेगा इससे वे भूमि का हस्तांतरण आसानी से कर सकेंगे. इससे विकास बढ़ेगा और राज्य शासन का राजस्व भी.  चीफ सेक्रेटरी  ने बारिश के दौरान प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की क्षतिग्रस्त सड़कों का शीघ्र मरम्मत कराने के निर्देश सभी कलेक्टरों को दिए हैं. उन्होंने स्मार्ट सिटी योजना के तहत प्रदेश के पांच शहरों रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा और कोरबा की सफाई व्यवस्था का समीक्षा की. चीफ सेक्रेटरी  ने सभी कमिश्नरों को गिरदावरी सुधारने, लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण कराने, डायवर्सन के प्रकरणों को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ पूरा कराने, छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्रों में करीब 23 हजार से अधिक तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 10 हजार 249 आबादी पट्टों का शत-प्रतिशत वितरण 25 नवम्बर तक कराने, आबादी-नजूल भूमि पट्टो का फ्री-होल्ड कराने, नियमितिकरण के प्रकरणों का शीघ्र निराकरण कराने एवं दो वर्षो से लंबित विवादित नामांतरण के प्रकरणों को शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिए हैं.  चीफ सेक्रेटरी  ने सभी कमिश्नरों को सात दिन के भीतर रिपोर्ट देने के भी निर्देश दिए हैं.

मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाली योजनाओं पर फोकस

बैठक में  चीफ सेक्रेटरी  ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्राथमिकता वाली योजनाओं पर ज्यादा फोकस किया. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि बिना किसी कोताही के सरकार की जनहित और प्राथमिकता वाली योजनाओं पर रिजल्ट ओरिएंटेट काम किया जाए. बैठक खत्म होने के बाद जनसंपर्क आयुक्त तारण प्रकाश सिन्हा ने कहा कि चीफ सेक्रेटरी की मंशा के अनुरूप ही मुख्यमंत्री के निर्देशों के तहत बैठक का एजेंडा तय किया गया था. बैठक में धान खरीदी की समीक्षा, लोक सेवा गारंटी अधिनियम का क्रियान्वयन, पट्टों की भूमि को फ्री होल्ड किए जाने के प्रकरण, नए आबादी पट्टों का वितरण, राजस्व मामलों के साथ-साथ दस आकांक्षी जिलों में संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई. इसके अलावा दिसंबर में होने वाले नेशनल ट्राइबल डांस फेस्टिव, यूथ फेस्टिवल की तैयारियों की भी समीक्षा की गई.