दिल्ली पुलिस ने लंबी जांच पड़ताल के बाद एक NGO और राजनीतिक दल के साथ एक लिंक का पता लगाया है जो लगातार स्कूलों को बम धमाकों की धमकियों से जुड़ा हुआ है. दिल्ली पुलिस ने अभी तक उस एनजीओ और राजनीतिक दल का नाम नहीं बताया है. पिछले साल इन धमकियों से दिल्ली पुलिस हलकान थी, जिससे अभिभावकों को डर जाते थे तो स्कूलों को छुट्टी देनी पड़ती थी.

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विशेष सीपी लॉ एंड ऑर्डर मधुप तिवारी ने बताया कि, लगातार ‘स्कूलों को बम की धमकी वाले ईमेल भेजे जा रहे थे, हमने गहनता से पड़ताल शुरू की.’ चूंकि वीपीएन आदि का उपयोग किया जा रहा था,  ईमेल स्रोत का पता लगाना मुश्किल था. हालांकि, 8 जनवरी को हमें एक महत्वपूर्ण सूचना मिली, जिसके बाद हमें पता चला कि एक नाबालिग ने ईमेल भेजे थे.

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विशेष पुलिस अधिकारी ने बताया कि नाबालिग से पूछताछ और जांच के बाद उनकी जांच एक गैर सरकारी संगठन और राजनीतिक दल तक पहुंच गई है, क्योंकि उन्हें राष्ट्रविरोधी ताकतों के शामिल होने की आशंका थी. जांच के दौरान पता चला कि आरोपी के अभिभावक एक गैर सरकारी संगठन से डीप संबंध रखते हैं. इस गैर सरकारी संगठन (NGO) की प्रारंभिक जांच में पता चला कि यह एक राजनीतिक दल से गहरा संबंध रखता है और उस दल का समर्थन कई मुद्दों पर करता रहा है. अधिकारी ने बताया कि NGO अफजल गुरु की फांसी पर भी सवाल उठाता रहा है.

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अधिकारी ने कहा कि इसी नाबालिग ने कम से कम 7 बार धमकी भरे ईमेल भेजे थे, एक बार जब 250 स्कूलों को धमकी दी गई थी, और उसे याद नहीं है कि कितनी बार धमकी भरे ईमेल भेजे थे. अधिकारी ने एनजीओ और राजनीतिक दल की भूमिका को लेकर कहा कि जांच अभी प्रारंभिक स्तर पर है और आगे की जांच की जा रही है. उन्होंने अभी एनजीओ या दल का नाम नहीं बताया.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सीपी मधुप तिवारी ने बताया कि अंतिम ईमेल (8 जनवरी 2025) से हमने भेजने वाले बच्चे को पहचान लिया. फोरेंसिक जांच से पता चला कि बच्चे ने 400 से अधिक ईमेल भेजे थे. हमें संदेह हुआ कि एक बच्चा ऐसा कैसे कर सकता है. इसलिए, हमने अतिरिक्त जांच शुरू की. जांच से पता चला कि बच्चे के पिता एक गैर सरकारी संगठन (NGO) से जुड़े हुए हैं, जो एक राजनीतिक पार्टी के लिए काम करता है.