बरनाला। पंजाब में बाल भिक्षुको को रोकने और उनके पुनर्वास के लिए अहम कार्य किया जा रहा है, जिसके तहत अब एक टीम काम कर रही है। वह ऐसे बच्चों का पुनर्वास करवाएगी जो भीख मांगते हैं। इसके लिए सामाजिक सुरक्षा, स्त्री एवं बाल विकास विभाग, पंजाब, चंडीगढ़ के दिशा-निर्देशों के अनुसार और जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रदीप सिंह गिल के मार्गदर्शन में, बाल भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए जिला स्तरीय चाइल्ड बेगिंग टास्क फोर्स टीम द्वारा विभिन्न स्थानों पर गहन चैकिंग की गई।

इस बारे में जिला बाल सुरक्षा अधिकारी, गुरजीत कौर ने मीडिया को बताया कि भीख मांगने वाले ऐसे बच्चे किसी भी अपराध का शिकार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई ऐसा बच्चा मिलता है, तो कार्यालय द्वारा उसके पुनर्वास के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

22 बच्चों का किया गया था रेस्क्यू इस पहल के तहत अब तक कार्यालय द्वारा 22 बाल भिखारी बच्चों को सफलतापूर्वक रैस्क्यू किया जा चुका है। इन बच्चों की उचित काऊंसलिंग (परामर्श) करने के बाद, उन्हें उनके माता-पिता को सौंप दिया गया है। यह कदम सुनिश्चित करता है कि बच्चे एक सुरक्षित वातावरण में वापस लौट सकें और भिक्षावृत्ति के चक्र से बाहर निकल सकें।