Child Care Tips: छोटे बच्चों के तन-मन दोनों कोमल होते हैं. कोमल शरीर की देखभाल में जरा सी लापरवाही, उन्हें बीमारी कर सकती है. न्यू पेरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चे के खान-पान, दवाओं, आसपास के वातावरण और हर उस चीज का खासा ध्यान रखें ताकि बीमारियां उन्हें छूने न पाएं. हालांकि पैरेंट्स अपनी तरफ से पूरा प्रयास करते हैं, मगर बच्चों की रोक-प्रतिरोधक क्षमता कम होती है इसलिए मौसम के बदलाने पर या अन्य कारण से वे बुखार, सर्दी, खांसी, उल्टी और दस्त की समस्याओं से ग्रस्त हो जाते हैं. पेरेंट्स की शिकायत रहती है- बच्चा बार-बार बीमार पड़ रहा है. इसका कारण फर्श, खिलौने और खाने नहीं बल्कि उनका टूथब्रश है. आज हम आपको बताएंगे कि टूथब्रश की वजह से बच्चे कैसे बीमार पड़ सकते हैं. इससे कैसे बचा जा सकता है.
क्या टूथब्रश बच्चों को बीमार कर सकता है
बच्चों के टूथब्रश को हम बाथरूम में ही रखते हैं. बाथरूम में मौजूद बैक्टीरिया टूथब्रश में घुस जाते हैं. जब बच्चा बैक्टीरिया से भरा टूथब्रश करता है तो ये उसके पेट में चले जाते हैं और उसे उल्टी और दस्त होने लगते हैं. इसके चलते बच्चे को स्टैफीलोकोसी (स्टैफ) बैक्टीरिया का भी खतरा हो सकता है.
Child Care Tips: इन बातों का विशेष ध्यान रखें
कितने समय में बदलने टूथब्रश- बच्चों को बीमारियों से बचाना है तो 3 से 4 महीनों में टूथब्रश बदल देना चाहिए. अगर बच्चे खराब ब्रिसल्स वाले टूथब्रश का इस्तेमाल करते हैं, तो मसूड़े छिल सकते हैं. दातों की ठीक से सफाई नहीं होती है. इसकी वजह से दातों की समस्याएं हो सकती हैं.
टूथब्रश को कैप चढ़ाकर रखें
बाथरूम और हवा के बैक्टीरिया टूथब्रश में घूस सकते हैं इसलिए इसे कवर करके रखें. कैप चढ़ाकर रखें. टूथब्रश को अच्छी तरह से धोएं, ताकि टूथपेस्ट और खाने के कण निकल जाएं. ध्यान रहे कि आपके बच्चे द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाला टूथब्रश सिर्फ दांत साफ करने का टूल नहीं, बल्कि उसके भविष्य की मुस्कान भी है. इसलिए टूथब्रश अच्छी क्वालिटी के हों, यह भी ध्यान रखना पैरेंट्स की जिम्मेदारी है.
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