Child Care Tips: आंख हमारे शरीर का सबसे बहुमूल्य अंग है. क्योंकि आंख है तो दुनिया है, वरना अंधेरा है. वर्तमान में अधिकांश लोग कंप्यूटर, फोन स्क्रीन और टीवी के सामने घंटों बीता रहे हैं. इससे आंखों पर जोर पड़ रहा है. यही वजह है कि हर व्यक्ति को नियमित आंख जांच करवानी चाहिए. माता-पिता को अपने बच्चों की आंखों को लेकर अधिक सजग रहने की जरूरत है.
क्योंकि आज-कल फोन, कम्प्यूटर पढ़ाई का अहम हिस्सा हो गए हैं. अगर, नहीं भी हैं तो बच्चे फोन पर गेम्स खेलते हैं वीडियोज देखते हैं. इससे इनकी आंखें कमजोर हो रही हैं. इसलिए आंख जांच जरुरी है. इसलिए जरुरी है बच्चों की नियमित आंख जांच
समय पर समस्या का पता चल सके, इसलिए जांच जरुरी
बच्चों की नियमित आंख जांच जरुरी है, ताकि समय पर समस्या का पता चल सके. पैरेंट्स को चाहिए कि वे नियमित जांच करवाएं. अगर, समस्या है तो समय पर इलाज करवाएं. जन्म के समय छोटे बच्चों की आंखें कमजोर होती हैं. उन्हें विजुअल डेवेलपमेंट में असामान्यताओं हो सकती है. इसमें आईबॉल ग्रोथ नहीं हो पाती है.
डिजिटल आई स्ट्रेन होने से रोकना जरुरी (Child Care Tips)
लंबे समय तक गैजेट्स पर समय बिताने के कारण आंखों पर दबाव पड़ता है. इससे डिजिटल आई स्ट्रेन होने का खतरा रहता है. समय पर आंख जांच करवाने से डिजिटल आई स्ट्रेन को रोका जा सकता है. क्योंकि डिजिटल आई स्ट्रेन होने से सिरदर्द और अन्य कई समस्याएं हो सकती हैं.
Child Care Tips: बच्चों का आई चेकअप कब करवाना चाहिए-
- 1- जन्म के समय बच्चे का वजन कम हो, तो एक माह के अंदर आंख जांच करवाएं.
- 2- तीन साल के अंदर बच्चे की नियमित जांच आवश्यक.
- 3- तीन से पाँच साल के भीतर भी बच्चे की नियमित जांच करवाएं.
- 4- पाँच से आठ साल के अंदर भी बच्चे की आंखों की जांच करवाना जरूरी.आई स्पेशलिस्ट से ही जांच करवाएं.
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