रायपुर. शहर के निजी अस्पताल किस तरह मासूम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करते हैं. इसका नमूना उस वक्त देखने को मिला जब एक तीन साल के मासूम बच्चे की बलि सिर्फ अपना बिल बढ़ाने के चक्कर में ले ली गई. शहर के रायपुरा स्थित निजी हास्पिटल में गुढ़ियारी स्थित एक तीन साल का बच्चा सत्यम बोपचे, जो कि 12 दिन पहले शरीर में गर्म पानी गिरने से बुरी तरह से जल गया था. उसके परिजन बच्चे को शहर के निजी हास्पिटल में इलाज के लिए लाए. यहां डाक्टर की देखरेख में बच्चे का इलाज किया गया लेकिन बच्चे का सही इलाज करने के बजाय अस्पताल के डाक्टरों ने उसे सिर्फ अस्पताल का बिल बनाने के चक्कर में जबरन भर्ती रखा. जबकि बच्चे की हालत गंभीर होने के चलते उसे किसी स्पेशियालिटी या बर्न यूनिट में भर्ती किए जाने की सख्त जरूरत थी. बच्चे के परिजनों को निजी अस्पताल के डाक्टरों ने अंधेरे में रखकर उसका उचित इलाज करने के बजाय बच्चे के घरवालों से पैसे ऐंठते रहे. बच्चे की हालत लगातार खराब होती रही. इस बारे में बच्चे के परिजन जब अस्पताल प्रशासन से बात करते तो वो उन्हें टरकाते रहे. अाखिरकार डाक्टरों की लापरवाही के चलते तीन साल के मासूम बच्चे को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा.

डाक्टरों की इस लापरवाही से आक्रोशित बच्चे के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. जब हमने इस बाबत अस्पताल के चिकित्सक से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने हमसे बात करने से इंकार कर दिया. अस्पताल में हुए भारी हंगामे के चलते लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई. घटना की जानकारी होने पर डीडी नगर थाने के पुलिस अधिकारी व पुलिस बल मौके पर पहुंचा और किसी तरह से स्थिति नियंत्रण में की.

नीचे दिए गए लिंक में देखा जा सकता है कि घटना को लेकर किस कदर लोगों में आक्रोश था.

https://youtu.be/BlaaZXlAt9Q