मयंक शर्मा, फिरोजाबाद. जिले में एक निजी अस्पताल की लापरवाही से एक परिवार का चिराग बुझ गया. बुखार से पीड़ित 12 साल के एक बच्चे को एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था. आरोप है कि बालक की हालत बिगड़ती गई, लेकिन स्टाफ के किसी भी सदस्य ने बच्चे की बीमारी को गंभीरता से नहीं लिया और उसकी मौत हो गई. इस घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने जमकर हंगामा और तोड़फोड़ किया. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले को शांत कराया. इस मामले में अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग ने सील कर दिया है.

बता दें कि पूरा मामला उत्तर क्षेत्र के बम्बा चौराहा कोटला रोड स्थित एक निजी अस्पताल का है. जहां नगला रंजीत गांव के एक 12 साल के बच्चे को इलाज के लिए लाया गया था. जिसके बाद डॉक्टरों ने बालक की हालत सामान्य बताते हुए भर्ती कर लिया और परिजनों को भरोसा दिया कि बच्चा ठीक हो जाएगा.

परिजनों ने बताया भर्ती होने के बाद बच्चे की तबियत और ज्यादा बिगड़ती गई. परिजनों ने स्टाफ को जानकारी भी दी कि बच्चे की तबियत बिगड़ती जा रही है, लेकिन स्टाफ और डॉक्टरों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया औऱ उसकी मौत हो गई. वहीं घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ करते हुए बदसलूकी भी की. जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और कार्रवाई करने का भरोसा दिया.