Chhattisgarh News: बच्चे की मौत के बाद पिता ने अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए है. पूरा मामला बिलासपुर के केयर एन क्योर (care n cure hospital) हॉस्पिटल का है. बिलासपुर के केयर एंड क्योर अस्पताल ने फिर एक मासूम बच्ची की जान चली गई. दरअसल,पेंड्रा के अमरपुर निवासी मनीष सोनी ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए देवकीनंदन चौक बिलासपुर स्थित केयर एंड क्योर अस्पताल के चिकित्सक और प्रबंधन पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि चिकित्सकों की लापरवाही के चलते उनकी नवजात पुत्री की मौत हो गई. मनीष सोनी की पत्नी काजल सोनी को डिलीवरी के लिए 16 सितंबर को केयर एंड क्योर अस्पताल में भर्ती किया गया था. उसी दिन काजल ने एक बेटी को जन्म दिया था.

 जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ बताए जा रहे थे, लेकिन 17 सितंबर को बच्ची को उल्टी हुई, जिस पर अस्पताल के चिकित्सकों ने इलाज किया और बच्ची को ठीक बताया, लेकिन 19 सितंबर की शाम को बच्ची की तबीयत अचानक फिर से खराब हो गई . जिसके पास बाद केयर एंड क्योर अस्पताल के चिकित्सकों ने हाथ खड़े कर दिए और किसी शिशु रोग विशेषज्ञ के पास बच्चे को ले जाने की बात कही. इसके बाद मनीष सोनी बच्ची को लेकर सृष्टि अस्पताल के डॉक्टर रुपेश अग्रवाल के पास पहुंचे, जिन्होंने जांच के बाद बताया कि उन्होंने बच्ची को उनके पास लाने में देर कर दी है.

बच्चे को जो पाउडर वाला दूध पिलाया गया था,वह उसके फेफड़े में जम गया था. बच्ची के पिता के अनुसार यह दूध भी केयर एंड क्योर अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा लिखा गया था. अब मनीष सोनी आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने केअर एंड क्योर अस्पताल को किसी शिशु रोग विशेषज्ञ को बुलाने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया जिसके चलते उनकी पुत्री की मृत्यु हुई है. इसके पीछे अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का आरोप लगाते हुए सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है.

परिजनों ने हमारी सलाह नहीं मानीः डॉ सिद्धार्थ वर्मा

वहीं अस्पताल डायरेक्टर डॉ सिद्धार्थ वर्मा (Dr Siddhart Verma) ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि बच्चे को दूध पिलाने के बाद मासूम की मालिश उनकी दादी या नानी द्वारा की गई. जिसके बाद मासूम को सास लेने में दिक्कत हुई. अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को बच्चों के विशेषज्ञ डॉक्टर के पास लेने की बात कही, लेकिन वे इसके लिए भी टाल-मटोल करते रहे. जिसकी वजह से मासूम को समय पर इलाज नहीं मिल पाया, डॉ वर्मा ने ये भी कहा कि परिजनों को एंबुलेंस के माध्यम से तत्काल लेने की सलाह दी गई, लेकिन परिजनों ने इस बात को नहीं माना. अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों के आरोपों को गलत बताया है.