सरकार बाल मजदूरी के खिलाफ कई अभियान चला रही है और हिदायत दे रही है कि ऐसा करते कहीं भी पाया गया, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी. लेकिन इसका असर क्या देश की राजधानी दिल्ली में नहीं हो रहा है ? क्योंकि वहां बाल मजदूरी कराई जा रही है. इसका खुलासा तब हुआ, जब एक नाबालिग आदिवासी बच्ची ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली.

पवन दुर्गम,बीजापुर। जिले की पुलिस ने दिल्ली में बाल मजदूरी कर रहीं तीन नाबालिग बच्चियों को आजाद कराकर वापस छत्तीसगढ़ लेकर आई है. सभी को उनके परिजनों को सौंप दिया है. ये बच्चियां वहां दूसरों के घरों में काम किया करती थी. किसके संपर्क में दिल्ली गईं ? इसका खुलासा अभी तक नहीं हो सका है.

एसपी दिव्यांग पटेल से मिली जानकारी के अनुसार बीजापुर के कोमला-मिनगाचल की रहने वाली आदिवासी नाबालिग बच्चियां मजदूरी करने के नाम पर करीब 6 महीने पहले दिल्ली गई हुईं थी. इसका खुलासा तब हुआ जब एक बच्ची ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. जिसकी रिपोर्ट दिल्ली के नैमेड थाने में दर्ज है. किस वजह से उसने ऐसा कदम उठाया है पुलिस इसकी जांच कर रही है.

पुलिस को इसकी जानकारी लगते ही संबंधित परिवार और कोमला-मिनगाचल गांव के लोगों से पूछताछ की गई. जिसमें उसी गांव से कई और नाबालिग बच्चियों के गांव से दिल्ली किसी के द्वारा ले जाने की सूचना मिली. बीजापुर पुलिस ने एक टीम दिल्ली भेजकर वहां से तीन नाबालिग आदिवासी बच्चियों को छुड़ाकर वापस लेकर आई और परिजनों को सुपुर्द किया. कई और नाबालिग कोमला से दिल्ली ले जाई गई हैं उनकी तलाश में पुलिस लगी हुई है. बच्चियां वहां घरों में काम किया करती थी.

एसपी का कहना है कि अब इस पूरे मामले में किसका हाथ है इसका खुलासा जल्द ही हो जाएगा, क्योंकि कुछ नाम हमें मिले हैं. जिम्मेदार लोगों की तलाश की जा रही है. साथ ही ये भी पता किया जा रहा है कि बच्चियों से वहां कुछ और तो नहीं कराया जा रहा था ? उनका शोषण तो नहीं हुआ ? इसकी भी जांच की जा रही है. हालांकि बच्चियों से पूछताछ में तो ऐसी कोई भी बात निकलकर सामने नहीं आई है. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की विवेचना कर रही है.