दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन में 12 बच्चों को रेलवे पुलिस ने रेस्क्यू किया है. ये बच्चे लावारिस हालात में पाए गए. पूछताछ में बच्चों ने बताया कि वे हैदराबाद स्थित बालाजी गुरुकुल के बच्चे हैं. सभी की उम्र 8 से 15 साल के बीच है. इन बच्चों को रेलवे पुलिस ने चाइल्ड हेल्प लाइन को सौंप दिया है. फिलहाल हैदराबाद और बिलासपुर के कुछ परिजनों से पुलिस ने सम्पर्क कर दस्तावेज प्रस्तुत कर बच्चों को ले जाने के लिए दुर्ग बुलाया है. Read More – चोर के मंसूबों पर फिरा पानी : ट्रक समेत 8.50 लाख रुपये का धान पार कर भाग रहा था युवक, पुलिस ने ऐसे किया गिरफ्तार
दुर्ग रेलवे स्टेशन में मिले इन बच्चों में असम, नागालैंड और छत्तीसगढ़ के बच्चे शामिल हैं. रेलवे पुलिस के अनुसार, आरपीएफ टीम रविवार को स्टेशन में सर्च कर रही थी. इसी दौरान प्लेटफार्म नंबर-4 पर बैठे बच्चों पर उनकी नजर पड़ी, जिनके साथ कोई पेरेंट्स नहीं थे. बच्चों से पूछताछ करने के बाद बच्चों को स्टेशन के कमरे में लाया गया और अफसरों को इसकी सूचना दी गई.
पूछताछ में बच्चों ने बताया कि वे हैदराबाद स्थित बालाजी गुरुकुल के छात्र हैं और सिकंदराबाद-रायपुर एक्सप्रेस से दुर्ग पहुंचे हैं. उनको अंबिकापुर में होने वाले योग कार्यक्रम में हिस्सा लेना है. इन बच्चों के साथ स्कूल प्रबंधन की ओर से कोई नहीं था. ऐसे में जवानों ने बच्चों को चाइल्ड हेल्प लाइन की मदद से आश्रय गृह भेज दिया है.
RPF दुर्ग के प्रभारी एसके सिन्हा ने बताया कि, ये बच्चे देश के अलग-अलग हिस्सों से आए हैं. इनमें 3 बच्चे झारखंड, 2 नागालैंड, एक असम और 6 बच्चे छत्तीसगढ़ से हैं. प्रदेश के 6 बच्चों में 3 रायगढ़, 1-1 पेंड्रा, बलौदा बाजार और जशपुर के शामिल हैं. अफसरों का कहना है कि बिलासपुर से कुछ परिजन दुर्ग पहुंच रहे हैं. सभी दस्तावेजों के जांच के बाद उन्हें बच्चों को सौंप दिया जाएगा.
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