लुधियाना। बाल कल्याण परिषद पंजाब ने राज्य से राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए नामांकन आमंत्रित किए हैं. 6 से 18 वर्ष के पात्र बच्चों का नामांकन जिला बाल कल्याण परिषदों के माध्यम से पुरस्कार के लिए भेजा जाएगा.
जल्द भेजा जाएगा नामांकन
पंजाब चाइल्ड वेलफेयर काउंसिल ने जिला बाल कल्याण परिषद को लिखे एक पत्र में कहा है कि नामांकन जल्द से जल्द भेजा जाना चाहिए, ताकि राज्य के बच्चे राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए नामांकित होने का मौका न चूकें.
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पत्र में आगे लिखा गया है कि बच्चों को डूबने से बचाने और जंगली जानवरों के हमले से बचाने के मामले बहादुरी के प्रतीक हैं, लेकिन ऐसे और भी उदाहरण होने चाहिए, जहां एक बच्चे की बहादुरी साफतौर पर दिखाई दे. यह जीवन के लिए जोखिम, शारीरिक चोट के खतरे या सामाजिक बुराई और अपराध के खिलाफ साहस का कार्य करने के लिए सहज निःस्वार्थ सेवाओं का काम होना चाहिए.
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इस साल 1 जुलाई 2020 से 30 सितंबर 2021 के बीच हुई घटनाओं के लिए 5 अक्टूबर तक नामांकन आमंत्रित किए गए हैं.
1957 में हुई थी बच्चों को बहादुरी के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार देने की शुरुआत
गौरतलब है कि बच्चों को बहादुरी के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार देने की शुरुआत भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीसीडब्ल्यू) द्वारा की गई थी, ताकि बच्चों को उत्कृष्ट बहादुरी के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और दूसरों को उनके उदाहरण का अनुकरण करने के लिए प्रेरित किया जा सके. इस पुरस्कार की शुरुआत 1957 में हुई थी. बहादुर बच्चों का चयन ICCW द्वारा गठित एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा किया जाता है.