प्रदीप गुप्ता, कवर्धा. प्रदेश सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अनेकों योजना चला रही है, लेकिन योजना सिर्फ कागजों में सिमट गई है. ये हम नहीं बल्कि डेंगुरजाम गांव के स्कूल की हालत बता रही है. इतना ही नहीं वहां के स्कूल में एक ही शिक्षक है जोकि आए दिन नदारद नजर आते हैं. जिससे स्कूल में ताला लटका रहता है.

बता दें कि, जिला मुख्यालय से 80 किलो मीटर दूर पंडरिया विकासखंड के सुदूर वनांचल क्षेत्र डेंगुरजाम गांव है. जहां बैगा आदिवासी निवास करते हैं. यहां नाममात्र के प्राथमिक शाला स्कूल एक छोटे से भवन में संचालित होता है, जो पूरी तरह जर्जर हो चुका है. यहां दर्जनों बच्चे अपनी जान हथेली में लेकर पढ़ाई कर रहे हैं. स्कूल में एक शिक्षक होने के कारण स्कूल कभी-कभी ही खुलता है.

इतना ही नहीं आए दिन शिक्षक भी नदारद रहते हैं. जिसके कारण से आए दिन स्कूल भवन में ताला जड़ा रहता है. ऐसे में बच्चों को बेहतर शिक्षा नहीं मिल पा रही है, जिसको लेकर परिजन चिंतित दिखाई दे रहे हैं. जर्जर भवन होने के कारण स्कूल प्रांगण में बने झोपड़ी में ही बच्चे शिक्षा ग्रहण करने पर मजबूर हैं.

वही परिजनों का आरोप है कि, यहां के जनप्रतिनिधियों के द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता है. सिर्फ चुनाव के समय यहां वोट मांगने आते हैं. यहां की विधायक ममता चंद्रकार भी नहीं आती हैं. जब जनप्रतिनिधि यहां के बच्चों की सुध नही लेंगे तो ऐसे में बच्चों का भविष्य कैसे बनेगा.

वहीं जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि, जिले के पण्डारिया विकासखंड के डेंगुरजाम सुदूर वनांचल में स्थित है और पहुंच से दूर होने के कारण यहां बहुत पुराना ई जी एस स्कूल चल रहा था. उस समय का ये स्कूल है. हाल ही में नया भवन के लिए स्वीकृति भेजी गई है. जो सेंशन हो गया है और बहुत जल्दी स्कूल भवन का कार्य शुरू हो जाएगा.