सत्या राजपूत, रायपुर। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के बीच समन्वय स्थापित कर बच्चों और किशोरों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए महानदी भवन, नया रायपुर में एक महत्वपूर्ण अंतरविभागीय समन्वय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (चिरायु), एनीमिया मुक्त भारत अभियान, राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस, किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम तथा राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत चल रही गतिविधियों की समीक्षा की गई और इन्हें शिक्षा विभाग के साथ एकीकृत करने की रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा हुई।


बैठक के दौरान सचिव स्वास्थ्य अमित कटारिया, आयुक्त सह संचालक डॉ प्रियंका शुक्ला, संबंधित स्वास्थ्य कार्यक्रमों के नोडल, उप संचालक व शिक्षा विभाग के उप संचालक उपस्थित रहे। उपस्थित अधिकारियों ने स्कूलों को स्वास्थ्य जागरूकता, किशोर स्वास्थ्य सेवाओं, पोषण, तंबाकू निषेध और परामर्श जैसी सेवाओं का केंद्र बनाने की दिशा में साझा प्रयासों पर बल दिया।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि किशोरावस्था जीवन का महत्वपूर्ण चरण है, जहां सही मार्गदर्शन और स्वास्थ्य सेवाएं उनके भविष्य को सशक्त बना सकती हैं। चिरायु दलों के माध्यम से नियमित स्वास्थ्य जांच, आवश्यक दवाएं, आयरन-फोलिक एसिड की आपूर्ति और परामर्श सेवाएं सुनिश्चित की जाएंगी। साथ ही तंबाकू निषेध और मानसिक स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील विषयों पर भी जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।
बैठक के दौरान सभी संबंधित विभागों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान, समयबद्ध गतिविधियों का संचालन और स्कूल-आधारित हस्तक्षेपों की सतत निगरानी से इन कार्यक्रमों की प्रभावशीलता को बढ़ाया जाएगा। यह समन्वय राज्य स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक स्थापित किया जाएगा।
इस पहल का उद्देश्य एक ऐसा समावेशी मॉडल विकसित करना है, जहां शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र एक-दूसरे के पूरक बनकर बच्चों और किशोरों के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखें।
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