हमीरपुर. लगातार हो रही बारिश के चलते कई इलाकों में आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है. नदियों के उफान पर होने से लोगों के परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मौदहा तहसील का छिमौली एक ऐसा गांव है जहां पुल कंप्लीट ना होने की वजह से बरसात में लोग जोखिम उठाते हुए नदी पार करते हैं. इस गांव में नावों का भी आभाव है. एक दो नाव हैं जिसमें क्षमता से ज्यादा लोगों को बैठाकर नदी पार की जाती है, या बहुतेरे लोग पानी के बीच से पैदल ही निकलते हैं.
हमीरपुर (यूपी) जिले में मौदहा ब्लॉक का छिमौली गांव बरिश के समय में तीन महीने तक शहर से कट जाता है. जिला और तहसील मुख्यालय जाने के लिए यहां के लोगों को नदी पार करनी पड़ती है. रोज एक सैकड़ा से ज्यादा स्टूडेंट्स नदी पार करके स्कूल जाते हैं. तो कुछ बच्चे नाव का सहारा लेते हैं. चार से पांच किलोमीटर दूर मौदहा शहर के स्कूलों तक पहुंचने के लिए इन बच्चों को खासा संघर्ष करना पड़ता है. ये अपने सिर पर स्कूल बैग और हाथ में कपड़े पकड़कर नदी में उतरते हैं. नदी पार करने के बाद ये बच्चे अपनी ड्रेस चेंज करते हैं. तब स्कूल जाते हैं. पढ़ाई के लिए यह जद्दोजहद रोज होती है.
अब तक नहीं शुरू हुआ अधूरे पुल का निर्माण
छिमौली गांव जाने के लिए आज भी पक्की सड़क नहीं है. तो वहीं चंद्रावल नदी पर भी पुल का काम अभी अधूरा है. बारिश के महीने में चंद्रावल नदी का जल स्तर बढ़ जाता है. ऐसे में छिमौली गांव के लोग मौदहा जाने के लिए नाव का सहारा लेते हैं. लेकिन यहां नावों का भी आभाव है. गांव में एक या दो नाव ही हैं. चंद्रावल नदी पर बीते डेढ़ साल पहले पुल का निर्माण शुरू हुआ था, जिसे अब से 6 महीने पहले पूरा भी हो जाना था, लेकिन बीते साल हुई बरसात में यह काम रुक गया था, जो आज तक शुरू नहीं हो सका है.
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