रायपुर. प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पिछले साढ़े चार सालों में विकासकार्यों की झरी लगी है. जिससे प्रदेश के सुदूर वनांचल के इलाके मुख्यधारा से जुड़कर प्रदेश के विकास में अपने भागीदारी दे रहे हैं. इनमें ऐसे इलाके भी शामिल हैं, जो नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण मूलभूत सुविधाओं से वंचित थे. यहां तक की स्कूलों का संचालन भी नहीं हो पा रहा था. लेकिन छत्तीसगढ़ की संवेदनशील सरकार ने बस्तर संभाग में नक्सली गतिविधियों के कारण बंद पड़े 314 स्कूलों को न केवल पुनः प्रारंभ किया बल्कि विकास, विश्वास, और सुरक्षा के अपने संकल्प को मजबूती के साथ स्थापित किया.

ऐसा ही एक स्कूल बस्तर के संवेदनशील क्षेत्र में था. जहां बच्चों के शिक्षा नहीं मिल पा रही थी. लेकिन अब बच्चों को ना केवल शिक्षा मिल रही है, बल्कि स्कूल को अपना खुद का भवन भी मिला है. बस्तर जिले के अतिसंवेदनशील क्षेत्र चांदामेटा प्राथमिक शाला को पहली बार स्वयं का स्कूल भवन मिल गया है. इतना ही नहीं प्रशासन ने इस अतिसंवेदनशील क्षेत्र में संवेदनशील पहल करते हुए नए स्कूल भवन का उद्घाटन स्कूली विद्यार्थियों के हाथों कराया. अपने ही हाथों अपने नए स्कूल भवन का लोकार्पण करते वक्त बच्चों के चेहरे उमंग से खिल उठे थे. ऐसा लग रहा था मानों यहां बच्चे विशिष्ट अतिथि हैं और उपस्थित अधिकारी और ग्रामीण सभी उनका हौसला बढ़ा रहे हों.

सामाजिक स्तर पर आगे बढ़ रहा चांदामेटा

नक्सल हिंसा से कभी प्रभावित रहा चांदामेटा आज शिक्षा और सामाजिक स्तर पर आगे बढ़ रहा है. सरकार की पहल से यहां न केवल स्कूल नियमित रूप से चलाया जा रहा बल्कि पढ़ाई के लिए बच्चे भी दुर्गम क्षेत्रों से यहां आ रहे हैं. चांदामेटा में स्कूल भवन के लिए जमीन किसान आयता मरकाम ने अपनी जमीन दान में दी है. ताकि बच्चों को गांव में ही बेहतर शिक्षा और अनुकूल माहौल मिल सके. स्कूल के उद्घाटन कार्यक्रम में अधिकारियों और ग्रामीणों ने आयता को स्कूल भवन के लिए जमीन दान में देने के लिए धन्यवाद दिया और पुष्पगुच्छ देकर उनका सम्मान किया.

बड़े बदलाव का सुखद संदेश

एक ऐसा समय भी था जब इस इलाके में स्कूल संचालित कर पाना असंभव था. निजी भवनों में बड़ी कठिनाईयों के बीच स्कूल चलते थे. लेकिन अब प्रशासन ने नया स्कूल भवन तैयार किया है. जिसमें नियमित रूप से कक्षाएं लग रही है. जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि चांदामेटा के बच्चे अब अपना भविष्य गढ़ सकेंगे. भवन को सहेजने-संवारने की जिम्मेदारी ग्रामीणों ने ली है और यह बड़े बदलाव का सुखद संदेश है. भवन को बनाने में सुरक्षा बल के जवानों ने बहुत मेहनत की है. जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीणों की मांग पर प्रशासन द्वारा चांदामेटा के लिए सड़क, स्कूल, आंगनबाड़ी की सुविधाएं दी गई है और आगे भी विकास की अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी. इससे पहले कैंप में स्कूल संचालित की जा रही थी अब भवन बनने से बच्चों को सुविधा होगी.