जांजगीर चाम्पा. बच्चे स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने आते हैं और पढ़-लिख कर कुछ अच्छा करना चाहते है. अपना भविष्य गढ़ना चाहते है, लेकिन शिक्षक पढ़ाने के बजाय उन्हें अपना निजी काम करवाएं तो फिर पढ़ने की जरुरत ही क्या है. क्योंकि बच्चे तो शिक्षकों के आदर्श पर ही चलते है. जैसा शिक्षक सिखाते हैं वो वैसा ही शिक्षा ग्रहण करते है. दरअसल कोटमी सोनार स्कूल से एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है. जिसे जानकर आप भी सोच में पढ़ जाएंगे कि हम बच्चों को बढ़ने भेजते और शिक्षकों द्वारा उनसे काम करवाया जाता है.

दरअसल जांजगीर चांपा जिले के अकलतरा के कोटमी सोनार शासकीय स्कूल में शिक्षकों द्वारा स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से बाइक धुलवाई जा रही है. बच्चों से बाइक धुलवाते हुए की तस्वीर कैमरे में कैद हो गई है. स्कूल के छोटे बच्चे भी बड़ी मस्ती से बाइक धुल रहे हैं. बच्चों को पढ़ाने के बजाय शिक्षक अपनी बाइक को धुलवा रहे है, वो भी एक नहीं दो-दो बाइक धुलवाई जा रही है. अब आप अंदाजा लगा सकते है कि इससे बच्चों का भविष्य कैसा होगा.

वहीं इस मामले में स्कूल के शिक्षकों का गैर जिम्मेदाराना बयान सामने आया है. शिक्षकों से जब इस बारे कहा गया कि आप बच्चों से बाइक धुलवा रहे है तो शिक्षकों का कहना है कि यह काम उनके शिक्षक का एक हिस्सा है. शिक्षकों के इस बयान से एक बार फिर सरकारी स्कूलों कि शिक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है. अगर बच्चों को स्कूल में गाड़ी धोने की शिक्षा दी जा रही है. तो उन बच्चों का भविष्य कैसा होगा.

इतना सब होना के बाद भी शिक्षक बड़े ताव से यही कहते नजर आ रहे है कि यह बच्चों के शिक्षा का एक मुख्य भाग है. यह काम शिक्षा में ही आता है. जिसके बाद वो खुद ही स्वीकार करते है कि हम ही इन्हें गाड़ी धुलने के लिए कह रहे है. अब देखना यह होगा कि मामले क्या प्रशासन द्वारा शिक्षकों पर कोई कार्रवाई की जाएगी की नहीं.

देखिए वीडियो…

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