पेरेंट्स अपने बच्चों की सेहत को लेकर फिक्रमंद रहते है और इसे अच्छी बनाए रखने के लिए न्यूट्रिएंट्स रिच फूड को उनके आहार में शामिल करते हैं, जो शारीरिक सेहत बनाने का काम करते हैं. लेकिन आपको समझने की जरूरत हैं कि शारीरिक सेहत के साथ ही मानसिक सेहत पर भी ध्यान देना जरूरी हैं. कम उम्र से ही बच्चों का ब्रेन तेजी से डेवलप होने लगता है. ऐसे में सही समय पर उन्हें फिजिकल एक्टिविटी के साथ मेंटल एक्टिव भी रखना जरूरी हैं. आपके बच्चे दिमाग से जुड़ी कुछ एक्सरसाइज नियमित रुप से करेंगे तो उनका दिमाग कंप्यूटर से भी तेज दौड़ने लगेगा.
आज हम आपको कुछ ऐसी ही माइंड डेवलपमेंट एक्टिविटीज के बारे में बताने जा रहे हैं. जिन्हें बच्चों की दिनचर्या में जरूर शामिल करना चाहिए. आइए जानते हैं इनके बारे में. Read More – भूलकर भी पर्स में न रखें ये चीजें, वरना हमेशा बनी रहेगी आर्थिक तंगी …
बच्चों के साथ खेलें शतरंज
बच्चों के माइंड को शार्प बनाने के लिए शतरंज का खेल बेस्ट माना जाता है. कई रिसर्च के अनुसार चेस खेलने से लोगों की मेंटल ग्रोथ तेजी से होने लगती है. ऐसे में बच्चों की चेस में दिलचस्पी पैदा करके आप उनके दिमाग को तेज कर सकते हैं.
मेमोरी गेम और पजल्स
मेमोरी गेम और पजल्स, दोनों ही फन गेम है जिसे बच्चे काफी एन्जॉय करते हैं. बच्चों को हर रोज 15-20 मिनट तक पजल सॉल्व करने के लिए दे सकते हैं. इससे बच्चों का दिमाग तेज होता है. आप इसके लिए तरह तरह के फ्लैश कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं. आप बच्चे के उम्र के हिसाब से उसे ऐसा कार्ड खरीद कर दें जिसमें उसका इंटरेस्ट हो. याद रखें अगर आप फन गेम को फन के साथ नहीं खेलेंगे तो वे बोर हो जाएंगे और उन्हें गेम में मन नहीं लगेगा.
म्यूजिक, आर्ट और भाषा
बच्चों के लिए म्यूजिक सीखना, पेंटिंग, आर्ट, नई भाषा सीखना आदि उनके ब्रेन के डेवलपमेंट में काफी फायदेमंद होता है. ऐसा करने से उनकी मेमोरी शार्प होती है और उनका इमैजिनेशन स्किल अच्छा होता है. इसलिए बच्चों को आप कम से कम एक म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट, एक नई भाषा और एक कला से जुड़ी चीज जरूर सिखाएं. आप इसमें डांस को भी शामिल कर सकते हैं. नियमित रूप से डांस करके न सिर्फ बच्चे फिजिकली हेल्दी रह सकते हैं बल्कि बच्चों का दिमाग भी एक्टिव और स्ट्रांग रहता है.
कहानी का कैरेक्टर बनना
बच्चे किसी कहानी को सुनकर खुद को उस कहानी के कैरेक्टर में बड़ी आसानी से जुड़ा समझने लगते हैं. ऐसे में उन्हें ऐसे गेम्स के लिए प्रोत्साहित करें जिसमें वो किसी कैरेक्टर में हो. ये उसके इमैजिनेशन स्किल को तो बढ़ाता ही है, सोशल और इमोशनल स्किल को बढ़ाने में भी मदद करता है.
बच्चे के पसंद की चीज को छिपा देना
हर बच्चे की कोई ना कोई पसंदीदा चीज होती है जिसे वो अपनी आंखों से ओझल नहीं होने देना चाहते हैं. आप उसकी किसी पसंद की चीज को छिपा दें और बच्चे को उसे ढूंढने के लिए कहें. ऐसी एक्टिविटीज बच्चे की याद्दाश्त को तेज करती हैं और विजुअल मेमोरी में भी सुधार लाती हैं. Read More – Priyanka Chahar Choudhary ने देसी लुक के बाद लगाया ट्रेडिशनल का तड़का, वीडियो देख फैंस के छूटे पसीने …
दें इमेजीनेशन बूस्ट
बच्चों के दिमाग को तेज करने के लिए इमेजीनेशन पावर बूस्टर का काम करती है. इससे बच्चों का माइंड शार्प होने के साथ ही इमेजीनेशन पावर भी स्ट्रांग होती है. वहीं, विजुअलाइजेशन की मदद से बच्चे पढ़ी हुई चीजों को लम्बे समय तक याद रख सकते हैं.
छूकर पहचानना
यह एक क्लासिक गेम है जो जेनरेशन से खेला जा रहा है. यह गेम बच्चे को अपने आसपास की चीजों को बेहतर तरीके से जानने और समझने का सेंस पैदा करता है. यह गेम आप घर पर बड़ी आसानी से खेल सकते हैं. इसके लिए आंखों को बंद कर दें और अलग अलग शेप की चीजों को हाथ में देरकर पूछें कि ये क्या है.
ब्रेन-बॉडी कोऑर्डिनेशन एक्टिविटी
ऐसी एक्टिविटीज बच्चे के मोटर कोऑर्डिनेशन स्किल को इंप्रूव करती है और उनका ब्रेन शार्प होता है. इसके तहत, तरह तरह के गेम आप खेल सकते हैं. मसलन, बच्चे को कहें कि राइट हाथ को लेफ्ट साइड से गोल गोल सर्कल बनाएं और साथ में राइट हाथ से लेफ्ट साइड गोल गोल सर्कल पेंसिल से बनाएं. इससे बच्चों का दिमाग ज्यादा एक्टिव होकर काम करेगा.
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