परिवार (family) में बच्चों (children) की शरारत घर में एक अलग ही माहौल बना कर रखती हैं. लेकिन जब यह शरारत झगड़े में बदल जाती हैं तो पेरेंट्स (parents) का सिरदर्द बन जाती हैं. जब हम भी बच्चे थे तो अपने भाई-बहनों से बचकानी बातों पर भी बहुत बड़ा झगड़ा कर बैठते थे और आज सोचते हैं तो हंसी निकल जाती है. लेकिन जब यह हमारे साथ होता हैं, तो चिंता सताने लगती है कि कहीं हमारे बच्चे एक-दूसरे से नफरत ना करने लगे. अक्सर बच्चों के बीच के विवाद इतने बढ़ जाते हैं कि माता पिता का हस्तक्षेप करना जरूरी हो जाता है. उनके इस मनमुटाव को दूर करने के लिए कुछ बातों पर ध्यान देते हुए उनकी समझाइश की जानी चाहिए. अगर आपके बच्चे भी लड़ते रहते हैं, तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि कैसे उनमें प्यार को बढ़ाया जाए. आइये जानते हैं इसके बारे में.

तुलना करने से बचें

पेरेंटिंग में आपको सबसे पहले सीखना है कि दो बच्चों के बीच कभी तुलना नहीं करनी चाहिए. दो बच्चों के बीच तुलना करने पर उन्हें लगने लगेगा कि उन्हे अपने भाई या बहन से बेहतर बनना है और इस चक्कर में उनके अंदर आत्म-सम्मान को चोट पहुंच सकती है. इस तरह के गेम न खेलें कि कौन जल्दी सोता या कौन कमरे तक पहले पहुंचता है. इससे बच्चों के मन में हर काम में अपने भाई-बहन को पीछे छोड़ने की भावना पैदा होगी.

एक-दूसरे की एहमियत सिखाएं

बच्चों को अक्सर अपने भाई-बहन की किसी गलत बात की शिकायत पेरेंट्स से लगाने की आदत होती है. ऐसे में पेरेंट्स उस बच्चे को बताएं कि जिसकी तुम इतनी शिकायत लगाते है वो तुमसे कितना प्यार करता है. हर बात में तुम्हें आगे रखता है, तुम्हारी गलतियां को सुधारने की कोशिश करता है. इसलिए एक-दूसरे की बुराई न करें बल्कि प्यार से रहें.

साथ काम कराएं

पैरेंट्स को चाहिए कि वह बच्चों के बीच आपसी समझ और स्नेह को बढ़ाने का प्रयास करें. इसके लिए उन्हें ऐसे काम दें, जो वह साथ साथ करें. काम को अच्छे से पूरा करने के लिए दोनों को सहभागिता देनी होगी, जिससे उनके बीच प्यार बढ़ेगा.

टीम वर्क सिखाएं

बच्चों के बीच में प्यार बढ़ाने का ये सबसे कारगर तरीका है. इसके लिए पेरेंट्स बच्चों को पेंटिंग, प्रोजेक्ट या किसी अन्य एक्टिविटी पर एक-साथ काम करने की सलाह दें. इससे बच्चे टीम वर्क में मिल-जुल कर काम करने के लिए प्रेरित होने लगेंगे.

एक-दूसरे की खूबियां बताने को कहें

अपने बच्चों के कहें कि वह एक-दूसरे की खासियत को एक पेपर पर लिखें. जब उन्हें पता चलेगा कि दूसरा उसके बारे में कितनी अच्छी सोच रखता है तो उसके मन में दूसरे के लिए कोई गतल बात नहीं रहेगी. बल्कि यह बात उन्हें, मुश्किल की घड़ी में एक-दूसरे का साथ देने की प्रेरणा देगी.

केयर करने की दें सीख

बच्चों को बचपन से ही एक-दूसरे की केयर करना सिखाएं. साथ ही उन्हें छोटे-बड़े का फर्क समझाते हुए सही व्यवहार करने की सीख दें. इससे घर के बड़े बच्चे अपने छोटे भाई या बहन की देखभाल करना अपना फर्ज समझेंगे. वहीं छोटे बच्चे भी अपने बड़े भाई-बहन की हर बात मानने लगेंगे.