हममें से हर किसी ने बचपन में साइकिल चलाई ही है। बिना किसी शंका के साइकिल हर किसी का पहला वाहन है। पहले सफर का साथी है। भले ही साइकिल कब चली, कैसे चली और इसे चलते हुए कितनी बार गिरे, यह याद न हो लेकिन जब भी चली होगी, खुशी का ठिकाना नहीं रहा होगा। गांव से लेकर शहरों में बड़ी संख्या में बच्चे साइकिल से स्कूल जाते हैं। साइकिलिंग से शरीर का संपूर्ण विकास होता है। इससे शारीरिक स्वास्थ्य को तो मजबूती मिलती है, मानसिक और सामाजिक विकास भी होता है।आजकल के बच्चे साइकिल चलाना उतना पसंद नहीं करते। उन्हें तो गाड़ी चलाना ज़्यादा पसंद होता है।
ऐसे में आज हम आपको बतायेंगे की बच्चों के लिए साइकलिंग क्यो जरूरी है, और क्यों उनको बचपन में साइकिल जरूर देना चाहिए।
बच्चों को साइकिल चलाने के फायदे-
हाइट- नियमित साइकिलिंग से पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इनकी ग्रोथ होती है। हाईट में सुधार होता है।
हार्ट- साइकिलिंग एरोबिक व्यायाम है। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।हार्ट संबंधी रिस्क कम हो जाती है।
स्ट्रेंथ- साइकिलिंग के जरिए बच्चे बिना रूके-थके लंबे समय तक शारीरिक गतिविधियों में सक्रिय बने रहते हैं। बच्चों का फिटनेस लेवल हाई होता है। एनर्जी भी भरपूर होती है।
फिजिकल एक्टिविटी- साइकिलिंग के जरिए एक बच्चा, दूसरे बच्चों से मिलता है। दोस्त बनाते हैं। साइकिलिंग शेयरिंग के साथ, बातें भी शेयर होती हैं। इससे फिजिकल एक्टिविटी बढ़ती है।
बच्चे के आत्मविश्वास बढ़ता है- साइकिल चलाने से बच्चों में आत्मविश्वास (सेल्फ कांफिडेंस) आता है। फिर वे नई-नई चीजों को सीखने को लेकर उत्साहित दिखते हैं। निडरता आती है। इस दौरान अगर, पेरेंट्स भी बच्चों के साथ साइकिल चलाते हैं तो इससे दोनों के बीच स्ट्रांग रिलेशनशिप होती है। शेयरिंग-केयरिंग बढ़ती है।
हैंड-आई कॉर्डिनेशन- साइकिल चलाने से बच्चे का हैंड और आई कॉर्डिनेशन बनता है। इससे माइंड और बॉडी दोनों स्वस्थ होते हैं। साथ ही बच्चों में सकारात्मक विचार आते हैं। वे अच्छा प्रदर्शन कर पाते हैं।