सत्यपाल राजपूत, रायपुर. निजी स्कूल बंद होने पर उस स्कूल में आरटीई के अंतर्गत पढ़ने वाले विद्यार्थियों का सपना टूट जाता था, लेकिन अब निजी स्कूल बंद होने पर आरटीई के तहत पढ़ रहे बच्चों के लिए सरकारी स्कूल विकल्प है.
निजी स्कूल बंद होने पर हजारों विद्यार्थी भटकने को मजबूर हैं. पैरेंट्स एसोसिएशन का दावा है कि आरटीई के 40,000 से ज्यादा विद्यार्थी भटकने को मजबूर हैं. लोक शिक्षण संचालक सुनील जैन ने कहा कि निजी स्कूल बंद होते हैं तो उनको सरकारी स्कूलों में भर्ती कराने का प्रावधान है. कितने स्कूल बंद हुए हैं और कितने विद्यार्थी प्रभावित हैं, इसका एक्जेक्ट आंकड़ा नहीं है.
निजी स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन का दावा है कि प्रदेशभर में लगभग पिछले दो सालों में 500 से ज्यादा स्कूल बंद हुए हैं. निजी स्कूलों में दर्ज संख्या के 25 प्रतिशत विद्यार्थियों को आरटीई के तहत पढ़ाई कराने का प्रावधान है.
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