नई दिल्ली। अब स्कूली बच्चें किताबों में ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ पढ़ेंगे. यह बड़ा बदलाव एनसीईआरटी की किताबों में होने जा रहा है, जिसके लिए एनसीईआरटी पैनल ने प्रस्ताव दिया है. इसके साथ ही पाठ्यपुस्तकों में अब ‘हिन्दू जीतों’ को भी तवज्जों दिए जाने की बात कही गई है.

एनसीईआरटी पैनल के सदस्यों में से एक सीआई आइजैक ने कहा कि प्रस्ताव मंजूर होने के बाद एनसीईआरटी किताबों के अगले सेट में इंडिया का नाम बदलकर भारत कर दिया जाएगा. यही नहीं इतिहास को अब प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक में विभाजित नहीं किया जाएगा, इसके लिए समिति ने पाठ्यपुस्तकों में ‘एंशि‍एंट हिस्ट्री’ के स्थान पर ‘क्लासिकल हिस्ट्री’ को शामिल करने की सिफारिश की.

समिति का मानना है कि भारत एक पुराना और ब्रिटिश साम्राज्यवाद से अनजान राष्ट्र है. अंग्रेजों ने भारतीय इतिहास को प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक में बांटा है. अब एंशिएंट का मतलब प्राचीन होता है. वो दिखाता है कि देश अंधेरे में था, जैसे कि उसमें कोई वैज्ञानिक जागरूकता थी ही नहीं. जबकि सौर मंडल पर आर्यभट्ट के काम समेत ऐसे कई उदाहरण भी हैं.

आइजैक ने कहा कि असल में ‘इंडिया’ शब्द का आमतौर पर इस्तेमाल ईस्ट इंडिया कंपनी और 1757 के प्लासी के युद्ध के बाद होना शुरू हुआ था. वहीं ‘भारत’ शब्द का जिक्र विष्णु पुराण जैसे प्राचीन लेखों में मिलता है, जो 7 हजार साल पुराने हैं. ऐसे में समिति ने आम सहमति से सिफारिश की है कि सभी कक्षाओं की किताबों में भारत के नाम का इस्तेमाल होना चाहिए.