राकेश चतुर्वेदी,भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित दो मदरसे में चाइल्ड ट्रैफिकिंग की आशंका का मामला सामने आया है। इसी मामले को लेकर जब बाल आयोग ने दबिश दी तो वहां पर भारी अनियमितताएं सामने आई है।

जानकारी के अनुसार बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान सहित बाल कल्याण समिति भोपाल, एस.जे.पी.यू. एवं थाना टीटी नगर स्टॉप द्वारा बाणगंगा स्थित दो मदरसों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में गंभीर अनियमितताएं एवं अपूर्ण दस्तावेज पाये गये, जो कि गंभीर जांच का विषय है। मदरसे में लाये जाने वाले सभी बच्चे बिहार के पूर्णियां एवं मधुबनी जिले से ही है। अधिकांश बच्चों के आधार कार्ड में जन्मतिथि 01 जनवरी ही अंकित पाई गई। बच्चों के माता पिता की सहमति के नाम पर अधिकतर पत्र ग्राम के मुखिया द्वारा हस्ताक्षरित पाये गये है। बच्चों के कथन अनुसार अधिकांश बच्चों के नाम उनके गांव के स्कूल में दर्ज है। वहां मदरसा भी हैं फिर भी भोपाल स्थित मदरसे में उन्हे पढाई के नाम पर लाया गया जो कि शिक्षा के अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन है।

अधिकतर बच्चों की उम्र दस्तावेज के आधार पर नौ से 15 साल के बीच व सभी गरीब है। संचालित मदरसे में अवैधरूप से छात्रावास चलाया जा रहा है जिसके कोई दस्तावेज नहीं है। एक में मदरसा बोर्ड पंजीयन के ओरिजनल दस्तावेज नहीं दिखाये गये। वहीं दूसरे के पास मदरसा बोर्ड का पंजीयन भी नहीं है व अन्य दस्तावेज भी अधूरे है। इतनी ज्यादा संख्या में बच्चे लगातार आते हैं और एक ही मुहल्ले में स्थित अवैध रूप से संचालित दो मदरसों में रहते हैं। इसकी जानकारी संबंधित थाने के पास नहीं है। संचालक के पास मिले माता-पिता की सहमति के दस्तावेज पर अंकित मोबाइल नम्बर पर सम्पर्क करने पर एक-दो को छोड़कर सभी बंद मिलें या सम्पर्क स्थापित नहीं हुआ। ऐसी आशंका है कि मामला चाइल्ड ट्रेफिकिंग से जुड़ा हो सकता है।

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