दीपक ताम्रकार, डिंडोरी। मध्य प्रदेश के डिंडोरी से राज्य की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलने वाली तस्वीर सामने आई है। जहां बच्चों का समय पढ़ाई में नहीं, बल्कि शौचालय की सफाई में बीतता है। किताब-कलम की जगह इनके हाथों में झाड़ू और पानी की बाल्टी होती है।

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दरअसल, डिंडोरी जिले के समनापुर क्षेत्र अंतर्गत पोड़ी मारगांव प्राथमिक शाला में छोटे-छोटे मासूम बच्चे स्कूल में शिक्षा अध्ययन करने आते हैं। लेकिन यहां पर प्राथमिक शिक्षक का कुछ अलग ही रवाईया देखने को मिल रहा है। शिक्षक बच्चों को पढ़ाई कराने के बजाए स्कूल का शौचालय साफ करवा रहे है। प्राथमिक स्कूल के शिक्षक खुद आराम से बैठकर न्यूज पेपर पढ़ते नजर आए।

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प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के भविष्य बनाने और उन्हें शिक्षा से जोड़ने के लिए कई प्रयास कर रही है। लेकिन आदिवासी जिला डिंडोरी में छोटे-छोटे बच्चों से शौचालय साफ कराई जा रही है, बच्चे हैंडपंप से बाल्टी में पानी भर भर के शौचालय साफ कर रहें है। वहीं दूसरी ओर कुछ बच्चे बाहर मैदान में झाड़ू लगाते नजर आएं। जब इस मामले में प्राथमिक शिक्षक से पूछा गया तो वे गोलमोल जवाब देने लगे और हैरान करने वाली बात तो यह की यदि इस तरह छोटे बच्चों को पढ़ाई कराने के बजाए बच्चों से शौचालय साफ कराना कहां उचित है। अब देखना होगा की उच्चाधिकारी लापरवाह शिक्षक के ऊपर क्या कार्रवाई करतें हैं।

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