Chilika Lake Boat Accident: भुवनेश्वर. सातपड़ा से जन्हिकुदा जाते समय 50 से ज्यादा यात्रियों को ले जा रही एक नाव चिल्का झील के बीच में फंस गई, जिससे अफरा-तफरी मच गई और तुरंत बचाव अभियान शुरू किया गया.
यह घटना तब हुई जब यात्रा के दौरान नाव में यांत्रिक खराबी आ गई. बच्चों समेत यात्री लगभग दो घंटे तक फंसे रहे, उसके बाद सभी को सुरक्षित बचा लिया गया. इससे पहले भी जन्हिकुदा की ओर जा रही एक और नाव महिनसाकुद के पास मशीन के स्लैब में दरार आने के कारण खराबी का शिकार हुई थी, जिससे वह खुले पानी में बह गई थी.
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Chilika Lake Boat Accident
स्थानीय लोग लंबे समय से चिल्का झील में रोजाना होने वाली नाव यात्राओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जता रहे हैं. हज़ारों लोग सातपड़ा और जन्हिकुदा के बीच लगभग 5 किलोमीटर का सफर बिना लाइफ जैकेट या किसी आपातकालीन सुरक्षा प्रोटोकॉल के पार करते हैं. कई नावें बिना उचित रखरखाव के चलती हैं और उनमें जरूरत से ज्यादा यात्रियों को बिठाया जाता है.
पिछली त्रासदियों के बावजूद, जैसे 2018 में हुई नाव पलटने की घटना जिसमें 16 लोगों की जान गई थी और 2020 की एक और दुर्घटना, अधिकारियों ने अब तक सख्त सुरक्षा उपाय लागू नहीं किए हैं. नावें पुराने उपकरणों से चल रही हैं और यात्री हर दिन जान जोखिम में डालते हैं.
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हाल की यह घटना नियामक निगरानी और सुरक्षा प्रवर्तन की तत्काल आवश्यकता को उजागर करती है. नावों पर कोई चेतावनी प्रणाली, आपातकालीन योजना या सुरक्षात्मक उपकरण मौजूद नहीं हैं, जिससे यात्री पूरी तरह भाग्य और स्थानीय बचाव दलों पर निर्भर रहते हैं.
Chilika Lake Boat Accident. एशिया की सबसे बड़ी खारे पानी की झील चिल्का झील एक महत्वपूर्ण परिवहन मार्ग बनी हुई है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्थाओं की कमी आम जनता के जीवन के लिए बढ़ता हुआ खतरा बन चुकी है.
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