नई दिल्ली। भारत के खिलाफ चीन अपनी साजिशों से बाज नहीं आ रहा है. अबकी बार चीन सीमा पर हमला नहीं कर रहा है, बल्कि भारत को रोशन रखने वाले पावर ग्रिड में सेंधमारी की कोशिश की है, जिससे उत्तर भारत में बिजली वितरण की व्यवस्था को समझ सके. चीन के पावर ग्रिड की हैकिंग की बात को स्वयं केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने स्वीकार किया है.
रेकॉर्डेड फ्यूचर नामक निजी खुफिया फर्म ने दावा किया है कि गत अगस्त से मार्च तक हमने भारत के कम से कम सात स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर्स (SLDCs) में चीनी हैकरों की घुसपैठ की कोशिश की. ये हमले उत्तर भारत के केंद्रों पर खासतौर से किए गए. इनमें भी ज्यादातर निशाना लद्दाख से लगी भारत-चीन सीमा इलाके में स्थित केंद्रों को बनाया गया. रिपोर्ट पर केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने बताया कि चीनी हैकरों ने लद्दाख के पास दो बार हमले का प्रयास किया था, लेकिन वे सफल नहीं हुए. उन्होंने कहा कि हमने ऐसे हमलों से निपटने के लिए सुरक्षा तंत्र को पहले से ही मजबूत बना लिया है.
सूत्रों ने बताया कि ये साइबर हमले पिछले साल अगस्त से मार्च के बीच हुए थे. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जांच में पाया गया कि भारतीय लोड डिस्पैच केंद्रों से दुनिया भर में फैले चीन के सरकारी कमांड और कंट्रोल सर्वरों को डेटा भेजा जा रहा है. रेकॉर्डेड फ्यूचर ने कहा कि पावर ग्रिड के केंद्रों को निशाना बनाने के अलावा चीन के सरकारी हैकरों ने भारत के आपात प्रतिक्रिया तंत्र पर भी धावा बोला था. फर्म ने बताया कि रिपोर्ट जारी करने से उसने पहले अपने निष्कर्षों के बारे में केंद्र सरकार को सतर्क कर दिया था.
बता दें कि विश्व के सरकारी हैकरों पर नजर रखने वाली सबसे बड़ी खुफिया कंपनियों में रेकॉर्डेड फ्यूचर शुमार है. उसका कहना है कि चीनी हैकर पावर ग्रिड के सेंटरों के आसपास के बुनियादी ढांचे की जानकारी जुटाना चाह रहे थे. बिजली केंद्रों में चीनी घुसपैठ का उद्देश्य इन जटिल प्रणालियों के बारे में जानकारी हासिल करना भी हो सकता है, ताकि भविष्य में इनके उपयोग की क्षमता विकसित की जा सके.
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