दुनिया के तमाम देश 5जी (5G) मोबाइल नेटवर्क का विस्‍तार कर रहे हैं. चीन से लेकर जापान, अमेरिका यहां तक कि भारत में भी 5G नेटवर्क को रोलआउट किया जा रहा है. इस बीच, तमाम देशों ने 6G पर रिसर्च शुरू कर दी है. भारत ने बीते दिनों 6G विजन डॉक्युमेंट को रिलीज किया. चीन भी इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है.

 6G वायरलेस इंटरनेट से स्पीड, लेटेंसी, स्पेक्ट्रम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सिक्योरिटी और ऊर्जा दक्षता के मामले में और भी अधिक एडवांस होने की उम्मीद है. चीन जल्द ही 6G वायरलेस नेटवर्क को लॉन्च कर सकता है. लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, चीन अल्ट्रा-फास्ट वायरलेस इंटरनेट का टेस्टिंग भी कर रहा है, जिसकी डाउनलोड स्पीड 100Gbps है. यानी यह 5G नेटवर्क की तुलना में कई गुना फास्ट है.

100Gbps तक सफल डेटा स्पीड

6जी के लिए दौड़ तेज होती जा रही है और अमेरिका को पिछड़ने का डर सता रहा है. पिछले शुक्रवार, व्हाइट हाउस ने नेक्स्ट जेनेरेशन वायरलेस कनेक्टिविटी पर चर्चा करने के लिए इंडस्ट्री लीडर्स से मुलाकात की. डर यह है कि बाकी देश 6जी कनेक्टिविटी के मामले में यूएस से आगे निकल सकते हैं. चीन की खबरें केवल अमेरिका की चिंताओं को जोड़ती हैं. चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड इंडस्ट्री एकेडमी ने पहली बार टेराहर्ट्ज़ (THz) फ्रीक्वेंसी लेवल पर एक सफल वायरलेस ट्रांसमिशन की जानकारी दी, जिसने 100Gbps की डेटा स्पीड हासिल की.

 साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीते दिनों स्विटजरलैंड के दावोस में वर्ल्‍ड इकॉनमिक फोरम के शिखर सम्मेलन में चाइना यूनिकॉम के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी लियू लिहोंग ने चीन की 6G टाइमलाइन का खुलासा किया. सम्‍मेलन में शामिल हुए लियू ने कहा कि साल 2025 तक शुरुआती 6G “ऐप्लिकेशन सिनारियो” चीन में पेश किए जाएंगे. उन्‍होंने कहा कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा इंटरनेट यूजर आबादी वाला देश और सबसे बड़ा स्‍मार्टफोन मार्केट है. साल 2019 से ही चीन में 6G पर रिसर्च चल रही है. चीनी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, देश में 6G का कमर्शल लॉन्‍च साल 2030 से शुरू होने की उम्‍मीद है.