नई दिल्ली। अपने आमों के जरिए राजनीतिक पैठ बनाने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान को अमेरिका और चीन के अलावा दूसरे देशों ने भी झटका दे दिया है. कोरोना का हवाला देते हुए इन देशों ने आम को लेने से मना कर दिया है.
समाचार एजेंसी के अनुसार, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बीते बुधवार को अमेरिका और चीन समेत 32 देशों को आम की पेटी भेजी थी, लेकिन इन देशों ने कोरोना क्वारेंटाइन नियमों का हवाला देते हुए आम को लेने से मना कर दिया. कनाडा, नेपाल, मिश्र और श्रीलंका ने इस उपहार को स्वीकार नहीं कर पाने का अफसोस जताया है.
मामले के जानकार बताते हैं कि ‘चौसा’ वेरायटी के इन आमों को पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी की ओर से 32 देशों को भेजा गया था. इसके अलावा आम के बक्से इरान, गल्फ देश, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और रूस को भेजने की तैयारी है. यही नहीं फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मेक्रोन को भी आम भेजने के लिए संपर्क किया गया, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया.
पाकिस्तान ने भारत को भी एक समय में आम भेजा था. वर्ष 2015 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को आम की टोकरी भेजी थी.
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बता दें कि फलों का राजा कहलाने वाला आम का भारत दुनिया में सबसे बड़ा उत्पादक है. भारतीय उप महाद्वीप से इसकी उत्पत्ति हुई है, और इसे मैग्निफेरा इंडिका के वैज्ञानिक नाम से जाना जाता है. यह न केवल भारत बल्कि पाकिस्तान का भी राष्ट्रीय फल है. भारत में इसकी 1200 वेरायटी पैदा होती है. वहीं पाकिस्तान में एक-तिहाई पैदावार होती है.
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