China build New Airbase Near Ladakh: चीन अपनी नापाक और दगाबाज हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। चीन की एक बार फिर से चोरी सैटेलाइट ने पकड़ ली है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से अपने सैनिकों को पीछे हटाने को लेकर हुए एग्रीमेंट के बाद भी चीन इन दिनों भारत (लद्दाख) से लगी सीमा के करीब बहुत तेजी से अपने सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रहा है। चीन अक्साई चिन (लद्दाख का एरिया) से सटे अपने दो नागरिक हवाई अड्डों (Airports) को चीनी वायुसेना (Chinese Air Force) के एयरबेस के तौर पर बदल रहा है। यहां नई हवाई पट्टी बनाने के साथ लड़ाकू और अन्य सैन्य ट्रांसपोर्ट विमानों के लिए ब्लास्ट प्रूफ हैंगर और बंकरों का निर्माण किया जा रहा है।
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ओपन सोर्स इंटेलिजेंस @detresfa_ की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए एक पोस्ट में जानकारी देते हुए कहा कि “ऐसा लग रहा है चीन अक्साई चिन के उत्तर में अपने दो नागरिक हवाई अड्डों का पुनर्विकास कर रहा है।
ओपन सोर्स इंटेलिजेंस ने आगे लिखा कि चीन के इस कदम से शिनजियांग प्रांत के होटन एयरबेस पर ऑपरेशनल बोझ में कमी आएगी, जो वर्तमान में भारत के सामने चीन का प्राथमिक सैन्य एयरबेस है। इससे पीएलए की युद्धकालीन विमान तैनाती और फैलाव क्षमता में सुधार होगा।वहीं, इस पोस्ट में दोनों निर्माणाधीन एयरबेस की फोटो को भी शेयर किया गया है।
एयरपोर्ट पर 32,000 मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा रनवे
शेयर की गई सैटेलाइट तस्वीर में युटियन वानफैंग एयरपोर्ट और शाचे यारकांत एयरपोर्ट पर चीन के पुनर्विकास कार्य दिख रहा है। युटियन वानफैंग एयरपोर्ट शिनजियांग प्रांत के होटान प्रीफेक्चर में स्थित युटियन काउंटी में बनाया गया है। इस एयरपोर्ट पर 32,000 मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा रनवे है। वहीं यहां अभी टर्मिनल भवन और 4 सैन्य विमानों की पार्किंग के लिए एप्रन बनाए गए हैं। साथ ही शाचे येरकियांग एयरपोर्ट शिनजियांग उइघुर स्वाय्त्त क्षेत्र के काशगर प्रांत में यारकांत काउंटी में है।
LAC के पास की मिलिट्री ड्रिल
इतना ही नहीं, चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास कॉम्बैट ड्रिल फिर से शुरू कर दी है। चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजिमेंट की अगुवाई में यह युद्धाभ्यास किया। चीन के इस कॉम्बैट ड्रिल में मानवरहति सिस्टम और ड्रोन सहित सेना की उन्नत तकनीक का इस्तेमाल किया गया। चीन की ओर से यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है, जब भारत (India) और चीन के बीच शांति बनाए रखने की दिशा में काम कर रहे हैं। दोनों देशों के लोकेर पिछले दिनों इस पर एग्रीमेंट भी हुआ था। चालबाज चीन की ये हरकत एक बार फिर सीमा पर माहौल को गरमा दिया है।
ड्रैगन की हरकत पर रक्षा विशेषज्ञों की राय
भारत के रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक भारत की सीमा पर चीन का सबसे बड़ा एयरबेस होटन में स्थित है, जहां चीन ने जे-20 स्टील्थ विमानों की तैनाती की है। हालांकि, चीन को आशंका है कि संघर्ष के समय पर भारत होटन एयरबेस को सीधे निशाना बना सकता है। इसलिए चीन अलग-अलग स्थानों पर एयरबेस को अपग्रेड कर रहा है, जो भारत के लिए परेशानी का सबब बन गया है।
वहीं एलएसी के पास चीन की मिलिट्री ड्रिल महज ट्रेनिंग का हिस्सा नहीं है। चीन स्ट्रैटेजिक तरीके से ऐसा कर रहा है। वह विवादित क्षेत्रों में तेजी से सेना जुटा रहा है। उदाहरण के लिए एक्सोस्केलेटन के इस्तेमाल से चीनी सैनिकों को ऊंचाई वाले इलाकों में फायदा मिल रहा है। ऐसे में भारत को सतर्क बने रहने और लद्दाख में सैन्य आधुनिकीकरण के प्रयासों को आगे बढ़ाने की जरूरत है। भारतीय सेना भी शीतकालीन युद्धाभ्यास कर रही है, बुनियादी ढांचे को उन्नत कर रही है और किसी भी संभावित चीनी आक्रमण का मुकाबला करने के लिए सर्विलांस सिस्टम की तैनात कर रही है।
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