दिल्ली. जिस कॉकरोच को सेहत का दुश्मन माना जाता है और जिसे भगाने के लिए हम सैकड़ों रुपयों की दवाओं का इस्तेमाल करते हैं. चीन में उन कॉकरोचों को पाला जा रहा है. चीन के शानडोंग शहर में लगभग एक अरब कॉकरोचों को रोज लजीज खाने की दावत मिल रही है. इस खाने का वजन है 50 टन यानी सात वयस्क हाथियों के भार के बराबर.

कॉकरोचों को एक खास रणनीति के तहत पाला-पोसा जा रहा है. जानकारी के मुताबिक वे यहां पर वेस्ट मैनेजमेंट का काम कर रहे हैं यानी बाकी बचे खाने को साधने का काम. साथ ही जब वे मरेंगे तो उनका मरा हुआ शरीर भी कई तरह के काम में आने वाला है. खबर के अनुसार चीन के शानडोंग शहर में अरबों कॉकरोच पाले जा रहे हैं. इसकी वजह है चीन में भारी मात्रा में फूड वेस्ट होना. बचे-खुचे इस खाने की मात्रा इतनी ज्यादा है कि इसका वेस्ट मैनेजमेंट काफी मुश्किल है.

अकेले बीजिंग में रोज लगभग 25 हजार टन खाना बर्बाद होता है, जिसका वेस्ट मैनेजमेंट एक टेढ़ी खीर है. इसके लिए चीन बड़े पैमाने पर कॉकरोच का उत्पादन कर रहा है, जो इस खाने को चट करेंगे. यही नहीं, कॉकरोच के मरने पर उनका शरीर मवेशियों के खाने के काम आएगा और कॉकरोच का इस्तेमाल पेट की बीमारियां दूर करने तथा ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने के लिए भी किया जा सकता है.

एक रणनीति के तहत इनका लालन-पालन हो रहा है. शहर में पहुंचते ही अंधेरा होने से कुछ पहले ही इनकी आवाज सुनाई देने लगती है. रोज दिन शुरू होने से पहले ही शहरभर का बचा-खुचा खाना शानडोंग क्योबिन एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी कॉ के प्लांट में आ जाता है. यहां पर कॉकरोच अपनी सेल (कमरों) में खाने का इंतजार कर रहे होते हैं और पाइपों के जरिए खाना पहुंचते ही मिनटों में लाखों कॉकरोच उसे सफा-चट कर जाते हैं.

फायदा देखते हुए चीन में कई दूसरे लोग भी कॉकरोच पालन पर काफी पैसे लगा रहे हैं. कई लोग महंगे दामों पर कॉकरोच बेचते हैं ताकि उन्हें सूअरों और मछलियों को खिलाया जा सके. दवाएं बनाने के लिए भी कंपनियां इन्हें खरीदने लगी हैं. चीन के शहर शुचॉन में एक कंपनी के पास लगभग छह बिलियन कॉकरोच हैं.