China Japan Tension Impact on Indian Seafood Exports: ताइवान को लेकर चीन और जापान के बीच बढ़ते तनाव ने एशिया की राजनीतिक गर्मी को आर्थिक बाजार तक पहुंचा दिया है. लेकिन इस भू-राजनीतिक टकराव के बीच एक ऐसा मोड़ आया, जिसने भारत के सीफूड सेक्टर के लिए अप्रत्याशित फायदा खोल दिया.

चीन ने जापानी सीफूड पर पूर्ण प्रतिबंध लागू कर दिया, और जैसे ही यह फैसला आया, भारतीय निर्यातक कंपनियों के शेयरों में तीखी चमक दिखाई दी. चीन के घरेलू बाजार में अचानक कमी का खतरा पैदा हुआ है. उसकी सप्लाई लाइन टूटने लगी है, और इसे भरने के लिए अब वह भारत जैसे विश्वसनीय स्रोतों की तरफ तेजी से मुड़ रहा है.

इसी बदलाव का असर बाजार ने तुरंत दिखाया, तेलंगाना की Avanti Feeds के शेयर लगभग 10% उछले, जबकि Coastal Corporation करीब 5% चढ़ी. दोनों कंपनियों ने हाल ही में चीन को निर्यात बढ़ाने की रणनीति स्पष्ट की थी, और अब वही रणनीति सही समय पर मौके में बदल गई है.

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China Japan Tension Impact on Indian Seafood Exports
China Japan Tension Impact on Indian Seafood Exports

तनाव की वजह: एक बयान, जिसने आग भड़का दी

पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब जापानी प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने कहा कि अगर चीन ताइवान पर हमला करेगा तो जापान सैन्य मदद भेजेगा.चीन ने इसे उकसावा बताया, और अगले ही दिन उसके काउंसल जनरल ने एक्स पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी.

डिप्लोमैटिक माहौल अचानक कसता गया, दोनों देशों ने राजदूत तलब किए और अपने नागरिकों को सुरक्षा एडवाइजरी जारी कर दी.

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भारत के लिए राहत: अमेरिकी टैक्स के बीच नई उम्मीद (China Japan Tension Impact on Indian Seafood Exports)

अमेरिका पहले ही भारतीय सीफूड पर भारी 50% टैक्स लगा चुका है. इस कारण एक्सपोर्ट में अक्टूबर में 9% गिरावट आई. ऐसे समय में चीन का बड़ा बाजार खुलना भारतीय निर्यातकों के लिए राहत का संकेत माना जा रहा है.

भारत ने पिछले वित्त वर्ष में 61,000 करोड़ रुपये का सीफूड निर्यात किया था, जिसमें झींगा और फ्रोजन फिश की सबसे ज्यादा मांग थी.

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जापान के लिए झटका: सबसे बड़ा बाजार बंद

जापान अपने कुल सीफूड का 20–25% हिस्सा चीन को बेचता है. 2023 में भी फुकुशिमा के पानी विवाद के बाद चीन ने बैन लगाया था, और दो साल बाद जारी हुआ यह नया प्रतिबंध जापानी निर्यातकों के लिए गंभीर आर्थिक चोट बन सकता है.

चीनी मीडिया का आक्रामक रुख (China Japan Tension Impact on Indian Seafood Exports)

चीनी सरकारी मीडिया जापान पर “ताइवान मामले में अनावश्यक दखल” का आरोप लगा रहा है. एडिटोरियल्स में कहा गया है कि अगर जापानी सेना इस टकराव में कूदती है, तो पूरा क्षेत्र अस्थिर हो जाएगा. ताइवान जापान से केवल 110 किलोमीटर दूर है, और यही दूरी इस विवाद को और संवेदनशील बनाती है.

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दोनों देशों ने अपने नागरिकों को चेतावनी दी

जापान ने चीन में रह रहे अपने नागरिकों को भीड़भाड़ वाली जगहों से बचने को कहा है. इसी तरह चीन ने भी जापान में पढ़ाई करने जा रहे चीनी छात्रों को चेतावनी जारी की है. दोनों देशों के बीच तनाव सिर्फ शब्दों का खेल नहीं रहा, सुरक्षा संदेशों ने इसे एक वास्तविक जोखिम की शक्ल दे दी है.

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