China occupied Bhutan Land: चीन ने भूटान की जमीन पर ‘कब्जा’ कर लिया है। इस बात का खुलासा एक रिपोर्ट में हुआ है। तिब्बती विश्लेषकों के नेटवर्क ‘टर्कोइस रूफ’ की एक रिपोर्ट में ये बड़ा दावा किया गया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने भूटान में 22 गांव बसा लिए हैं। पहले भी इसको लेकर खबर आई थी। साल 2023 में चीन ने भूटान की पारंपरिक सीमा के अंदर सात गांव बना लिए थे। वहीं इस रिपोर्ट के बाद भारत (India) समेत कई मुल्क़ परेशान हैं क्योंकि ये भूटान की संप्रभुता के लिए चिंता पैदा कर रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि चीन का ये कदम सिर्फ भूटान नहीं बल्कि पड़ोसी देशों के लिए भी खतरनाक है। चीन ने जहां गांव बसाए हैं वहां की सड़कें भूटान और चीन सीमा से जुड़ी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन लोगों को यहां बसा रहा है. लगभग 7000 लोगों को बसा चुका है। ये गांव 3 से 4 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित हैं।
बता दें कि चीन दुनियाभर में अपनी विस्तारवाद की नीति के लिए जाना जाता है। दूसरे देशों की जमीन कब्जा करने के ड्रैगन के इरादे की वजह से लगभग हर पड़ोसी देश के साथ उसका संबंध तवानपूर्ण बना रहता है। चीन का भारत और रूस समेत उसके सभी पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद है। चीन का मंगोलिया, लाओस, वियतनाम, म्यांमार, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, कजाखिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान के साथ संबंध तनावपूर्ण है। इन सभी देशों की जमीनों पर ड्रैगन कब्जा किए हुए है। ड्रैगन के इस कदम के बाद एक बार फिर चीन की विस्तारवादी नीति पर पूरी दुनिया में चर्चा हो रही हैः-
कौन से देश की कितनी जमीन पर कब्जा
भारत
भारत के साथ चीन का सीमा विवाद हमेशा चर्चा में रहता है। भारत चीन के साथ 3488 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। इसके अलावा चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र की सीमा भारत से लगती है। भारत चीन सीमा तीन सेक्टर में बंटी हुई है जो कि ईस्टर्न, मिडिल और वेस्टर्न है। ईस्टर्न सेक्टर में अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम, मिडिल सेक्टर में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड है। वहीं, वेस्टर्न सेक्टर में लद्दाख से चीन की सीमा लगती है और इन सभी जगहों पर ड्रैगन की विस्तारवाद की नापाक हरकत देखने को मिलती रहती है।
पैंगोंग त्सो झील (लद्दाख), डोकलाम (भूटान), तवांग (अरुणाचल प्रदेश), तवांग (अरुणाचल प्रदेश), नाथू ला (सिक्किम) जैसे हिस्सों पर चीन के साथ सीमा विवाद है. आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच कभी भी कोई आधिकारिक सीमा रेखा नहीं रही। चीन किसी सीमा रेखा को नहीं मानता है। जब 1962 में दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ तो चीन की सेना लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के तवांग तक घुस आई थी। बाद में जब युद्धविराम के दौरान तय हुआ, जिस देश की सेना जहां है वहीं LAC यानी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल होगा।
रूस
रूस से 52 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर चीन का विवाद है।
तिब्बत
सात अक्टूबर 1950 को चीन ने 12.3 लाख वर्ग किलोमीटर वाले तिब्बत पर कब्जा कर लिया है।
पूर्वी तुर्किस्तान
चीन पूर्वी तुर्किस्तान में लगातार जमीन पर कब्जा करता रहा है। उसने वहां 16.55 लाख वर्ग किलोमीटर का भूभाग हड़प रखा है।
हांगकांग
चीन ने 1997 में हांगकांग की जमीन पर कब्जा कर लिया है। इन दिनों वह वहां राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर शिकंजा कसने की फिराक में है।
मंगोलिया
मंगोलिया पर अक्टूबर 1945 में हमला कर उसकी जमीन पर कब्जा किए हुए है।
चीन के पास साढ़े चार सौ परमाणु हथियार
चीन की सैन्य शक्ति की बात करें तो इस वक्त उसके पास 34,40,000 सक्रिय तो वहीं आरक्षित सेना 12,00,000, वायुसेना 4,00,000 और नौसेना 2,55,000 है। रिपोर्ट्स की मानें तो चीन के पास सैंकड़ों परमाणु हथियार हैं। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि चीन के पास साढ़े चार सौ परमाणु हथियार है।
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