पूजा जांगिड़, रायपुर।  चीन के वुहान शहर से कोरोना वायरस का कहर शुरू हुआ और देखते ही देखते करीब दो महीने के अंदर इस बीमारी ने दुनिया के 117 देशों में अपने पैर पसार लिए है. ये बीमारी लगातार फैलती जा रही है, लोगों की मौत होती जा रही है. चीन में कोराना चौथी स्टेज पर है. दुनिया भर में 8 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं करीब 2 लाख लोग कोरोना की चपेट में है.
इटली जहां की जनसंख्या मात्र 6 करोड़ है वहां 2 हजार से ज्यादा जानें जा चुकी है साथ ही कोरोना की भारत में दूसरी स्टेज में आ गई है. ऐसे में भारत में स्थिति कितनी भयावह हो सकती है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. लेकिन क्या आप जानते है कि पहली और दूसरी स्टेज के बाद भारत तीसरी और चौथी स्टेज के लिए कितना तैयार है ?

कोरोना की स्टेज-1
इस स्टेज में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले वायरस से प्रभावित देशों से आते हैं. इसमें वहीं लोग कोरोना पॉजेटिव पाए जाते हैं जिन्होंने विदेश की यात्रा की है. भारत में कोरोना ने सबसे पहले केरल में दस्तक दी थी. जो मरीज इससे संक्रमित पाया गया था वो चीन के वुहान यूनिवर्सिटी का छात्र है और वो वुहान से भारत आया था.

कोरोना की स्टेज-2
इस स्थिति में संक्रमित लोगों से बीमारी का फैलाव स्थानीय लोगों में होता है. जब कोई व्यक्ति वायरस प्रभावित देश से आता है तब वो अपने परिचितों के संपर्क में आता है, जिससे वायरस आगे फैलता है और वे भी संक्रमित हो जाते हैं. भारत में अब तक लगभग 166 पॉजिटिव मामले सामने आए है.

कोरोना की स्टेज-3
भारत अभी इस स्टेज से दूर है. इटली और स्पेन अभी इस स्टेज पर हैं. ये स्थिति तब उत्पन्न होती है जब वायरस कम्युनिटी ट्रांसमिशन में पहुंच जाता है तब एक बहुत बड़ा क्षेत्र इससे प्रभावित होता है. ये बेहद खतरनाक स्थिति होती है इस स्टेज में बीमारी देश के अंदर मौजूद संक्रमित लोगों से यहीं के दूसरे लोगों में फैलने लगती है.

कोरोना की स्टेज-4
कोरोना की ये सबसे खतरनाक स्थिति है, अभी तक केवल चीन इस स्टेज पर है, ये स्थिति तब आती है जब बीमारी महामारी को रूप ले लेती है और ये अनुमान नहीं लगाया जा सकते कि इसका खात्मा कब होगा और कैसे होगा?

भारत कोरोना वायरस की तीसरी और चौथी स्टेज के लिए भी खुद को लगातार तैयार कर रहा है. देश में कोरोना की जांच के लिए अभी लगभग 71 से ज्यादा VRDL और NCDC लैब हैं. रोजाना करीब 6 हजार सैंपलों की जांच की जा रही है. 49 नए लैब और तैयार किए जा रहे है इससे 1400 और सैंपल की रोज जांच की जा सकेगी. सरकार का उद्देश्य रोजाना करीब 20 हजार सैंपलों की जांच करना है.