China Shaolin Temple: बौद्ध आस्था और मार्शल आर्ट का केंद्र 5वीं सदी में स्थापित चीन का शाओलिन टेंपल इन दिनों विवादों में है। शाओलिन टेंपल के प्रमुख मठाधीश शी योंगजीन (Shi Yongxin) पर कई महिलाओं से यौन संबंध, बच्चे पैदा करना और करप्शन का आरोप लगा है। ये मठ अब जांच के दायरे में है। शाओलिन टेंपल से जारी बयान के अनुसार शी योंगजीन के खिलाफ ‘भ्रष्टाचार’, और ‘कई महिलाओं के साथ अनैतिक संबंध रखने पर जांच की जा रही है।

चीन के सरकारी अखबार चाइना डेली ने मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी नोटिस के हवाले से बताया कि हेनान प्रांत में शाओलिन टेंपल के मठाधीश शी योंगजीन पर आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का संदेह है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मठाधीश ने लंबे समय तक कई महिलाओं के साथ अनुचित संबंध बनाए रखकर और बच्चों को जन्म देकर बौद्ध आस्था के सिद्धांतों का गंभीर उल्लंघन किया है। वह वर्तमान में कई अधिकारियों द्वारा संयुक्त जांच के दायरे में हैं।

शाओलिन मंदिर के मठाधीश पर लगे गंभीर आरोप

शाओलिन मंदिर के प्रमुख मठाधीश पर गबन और यौन दुराचार के आरोप लगे है। टेंपल के प्रमुख पर लगे गंभीर आरोप के बाद अब इसकी जांच भी शुरू हो गई है। सरकारी अखबार ‘चाइना डेली’ ने मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी नोटिस के हवाले से बताया कि हेनान प्रांत में शाओलिन मंदिर के मठाधीश शी योंगजीन पर आपराधिक गड़बड़ियों का संदेह है, जिनमें परियोजना निधि और मंदिर की संपत्ति का गबन और दुरुपयोग शामिल है। 

कुंग-फू स्टाइल के लिए जगत प्रसिद्ध है शाओलिन टेंपल

मध्य चीन के हेनान प्रांत में एक पर्वत श्रृंखला में स्थित 1,500 साल पुराना शाओलिन मंदिर में हर साल हजारों अनुयायी आते हैं। इनमें तो कई दुनिया भर से यहां पहुंचते हैं। 5वीं सदी में स्थापित शाओलिन टेंपल न सिर्फ बौद्ध आस्था का केंद्र रहा है। बल्कि यहां पर मार्शल आर्ट का विकास भी साथ साथ हुआ. शाओलिन टेंपल के भिक्षु मार्शल आर्ट के दक्ष खिलाड़ी होते थे। सिर्फ शारीरिक बल और ध्यान से ऊर्जा को केंद्रित कर किया गया उनका प्रहार आमने-सामने की लड़ाई में बड़ों बड़ों को चित कर देता था। शारीरिक शक्ति, लचीलापन और मानसिक अनुशासन पर केंद्रित शाओलिन टेंपल का मार्शल आर्ट आत्मरक्षा, स्वास्थ्य, और आध्यात्मिक विकास पर जोर देता है. यह प्रणाली ध्यान, चान बौद्ध सिद्धांतों और शारीरिक प्रशिक्षण का मिला जुला रूप है। शाओलिन कुंग फू ने वैश्विक मार्शल आर्ट और सिनेमा को प्रभावित किया है।

शी योंगजीन 1999 से हैं मठाधीश

शाओलिन मंदिर के प्रमुख शी योंगजीन 1999 से शाओलिन के मठाधीश हैं। इन्हीं के नेतृत्व में मंदिर ने चीन के बाहर स्कूल खोलने शुरू किए और भिक्षुओं का एक भ्रमणशील दल बनाया जो शाओलिन कुंग फू शो करते थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2015 में महिलाओं के साथ यौन संबंध रखने और मंदिर के धन का गबन करने के आरोप में भी शी की जांच की गई थी लेकिन तब उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया गया था।

CEO MONK मिला निकनेम

संस्थान को एक वैश्विक ब्रांड में बदलने के लिए शी योंगजीन को “CEO MONK” निकनेम मिला है। उनके नेतृत्व में मंदिर ने चीन के बाहर स्कूल खोलने शुरू किए और भिक्षुओं का एक भ्रमणशील दल बनाया जो शाओलिन कुंग फू शो करते थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में महिलाओं के साथ यौन संबंध रखने और मंदिर के धन का गबन करने के आरोप में भी शी की जांच की गई थी। उन्हें कंपनियों और स्थानीय सरकारों से महंगे उपहार भी मिले थे, जिनमें एक वोक्सवैगन एसयूवी और सोने के धागे वाला एक वस्त्र शामिल था।

उठ रहे हैं सवाल

वैसे यहां यह भी बता दें कि, शाओलिन मंदिर के संबंध में इस तरह की चर्चा भी शुरू हो गई हैं कि क्या यह अब भी एक धार्मिक स्थल के रूप में संरक्षित है, या फिर इसे एक व्यावसायिक स्थल के रूप में बदल दिया गया है। शाओलिन मंदिर के भिक्षु एक समय में महज बौद्ध साधक हुआ करते थे, लेकिन पिछले कुछ दशकों में शाओलिन मंदिर को एक वाणिज्यिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है। यहां बड़े पैमाने पर मार्शल आर्ट्स स्कूल चलते हैं, और हर साल हजारों पर्यटक यहां आते हैं। शाओलिन मंदिर को लेकर लोग अब इस तरह के सवाल भी करते हैं कि क्या मंदिर का मूल उद्देश्य अब भी आध्यात्मिक है या फिर यह सिर्फ एक व्यावसायिक गतिविधि का केंद्र बन चुका है।

थाइलैंड का बौद्ध मंदिर भी आया था विवादों में घेरे में

बता दें कि हाल ही में थाईलैंड का भी एक बौद्ध मंदिर विवादों के घेरे में आ गया था। थाईलैंड  के वाट त्री थोत्साथेप (Wat Tri Thotsathep) मंदिर  के भिक्षु यौन उत्पीड़न और ब्लैकमेल के आरोपों से जूझ रहे थे। इस मामले में एक महिला, विलावान एम्सावट (Wilawan Emsawat) जिसे “मिस गोल्फ” के नाम से जाना जाता है, को गिरफ्तार किया गया। इस महिला ने कथित तौर पर कम से कम नौ वरिष्ठ भिक्षुओं के साथ यौन संबंध बनाए और 80,000 से अधिक तस्वीरों और वीडियो के आधार पर उन्हें ब्लैकमेल कर लगभग 100 करोड़ रुपये की उगाही की। इस घोटाले के कारण नौ भिक्षुओं को मठ से निष्कासित कर दिया गया है।

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