China-Taiwan Conflict: रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल का हिज्बुल्लाह और ईरान से युद्ध के बीच दुनिया को टेंशन बढ़ाने वाली एक और खबर सामने आई है। दो युद्ध मुहाने पर खड़े विश्व के लिए तीसरा युद्ध मोर्चा भी खुल सकता है। जी हां.. चीन और ताइवान के बीच बीते साल से तनाव बढ़ गया है। इस वजह से दोनों देशों के बीच कोल्ड वॉर जारी है। इस बीच चीन ने ताइवान को चारों ओर से घेरकर मिलिट्री ड्रिल शुरू कर दी है। ‘ड्रैगन’ ने इस मिलिट्री ड्रिल में 25 लड़ाकू विमान समेत 7 युद्धपोत को मैदान में उतारा है। वहीं इस युद्धाभ्यास को ज्वाइंट स्वॉर्ड-2024 बी नाम दिया है।
इस युद्धाभ्यास का मकसद ताइवान पर दबाव बनाना और अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन करना है। हालांकि, चीन इसे अपनी संयुक्त अभियान क्षमताओं का परीक्षण बता रहा है, लेकिन हकीकत में ताइवान को डराने और उसके स्वतंत्रता समर्थक विचारों को दबाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
चीन की ओर आयोजित ज्वाइंट स्वॉर्ड-2024 बी सैन्य अभ्यास में 25 लड़ाकू विमान, 7 नौसैनिक जहाज, और चार अन्य जहाज ताइवान के आसपास देखे गए हैं। इनमें से कुछ विमानों ने ताइवान की मध्य रेखा को पार करते हुए ताइवान के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में प्रवेश किया। चीन का यह सैन्य प्रदर्शन ताइवान को डराने की एक और कोशिश है, क्योंकि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानता है और चीन के किसी भी दावे को खारिज करता है।
राष्ट्रपति विलियम लाइ चिंग ते के हालिया भाषण से चीन नाराज
ताइवान के राष्ट्रपति विलियम लाइ चिंग ते के हालिया भाषण के बाद चीन की नाराजगी और बढ़ गई है। राष्ट्रपति लाई ने साफ शब्दों में कहा कि ताइवान और चीन अलग हैं। चीन को ताइवान का प्रतिनिधित्व करने का कोई अधिकार नहीं है। यह बयान चीन के लिए एक चुनौती की तरह है, जो ताइवान को अपना हिस्सा मानता है।
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