बीजिंग (चीन)। भारत बुधवार को चीन की आबादी को पार कर दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने इस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि किसी देश के जनसांख्यिकीय लाभांश का आकलन करते समय, हमें न केवल इसके आकार बल्कि उसकी गुणवत्ता को भी देखने की जरूरत है.

इस साल के मध्य तक दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन को पछाड़कर भारत पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए चीनी प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि यह प्रतिभा संसाधन है, जो सबसे ज्यादा मायने रखता है. 1.4 बिलियन चीनी में से लगभग 900 मिलियन कामकाजी उम्र के हैं और औसतन शिक्षा प्राप्त हुए 10.9 साल के हैं.

संयुक्त राष्ट्र विश्व जनसंख्या डैशबोर्ड ने कहा कि भारत में अब 1428.6 मिलियन लोग हैं, जो चीन की जनसंख्या को पार कर गया है, जो वर्तमान में 1425.7 मिलियन है. यह पहली बार है कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र की सबसे अधिक आबादी वाले देशों की सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया है, जब से संयुक्त राष्ट्र ने 1950 में जनसंख्या डेटा एकत्र करना शुरू किया था. संयुक्त राज्य अमेरिका अनुमानित 340 मिलियन आबादी के साथ तीसरे स्थान पर है.

एक साल पहले चीन की आबादी 1960 के बाद पहली बार कम हुई थी. 2016 में बीजिंग ने अपनी सख्त “वन-चाइल्ड पॉलिसी” को समाप्त कर दिया, जो 1980 के दशक में अत्यधिक जनसंख्या के डर के बीच लागू की गई थी, और 2021 में जोड़ों को तीन बच्चे पैदा करने देना शुरू किया.

भारत ने आखिरी बार जनगणना 2011 में हुई थी, इसके बाद जनसंख्या के सटीक आकार पर कोई वर्तमान आधिकारिक आंकड़े नहीं हैं. भारत की हर दस साल में एक बार होने वाली जनगणना 2021 में होने वाली थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण देरी से हुई.