रायपुर. हरियाणा के सूरजकुंड में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में देश के सभी राज्यों के गृहमंत्री दो दिवसीय चिंतन शिविर में शामिल हुए. चिंतन शिविर के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए और अपना संबोधन दिया. इस शिविर में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने पुलिस आधुनिकीकरण के मुद्दे पर केंद्रीय गृहमंत्री के सामने अपनी बात रखी.

मंत्री साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन नक्सलियों के खिलाफ पुलिस को आधुनिक हथियार, सुरक्षा उपकरण, आवश्यक प्रशिक्षण एवं वाहन उपलब्ध करा रही है. केंद्र की तरफ से वर्ष 2013-14 में छत्तीसगढ़ राज्य को पुलिस आधुनिकीकरण के लिए 50 करोड़ मिले थे, जबकि वर्तमान में यह राशि 20 करोड़ से भी कम हो गई है, जिसमें वृद्धि करने की आवश्यकता है.

चिंतन शिविर में मुख्य रूप से नागरिक सुरक्षा, पुलिस का आधुनिकीकरण, महिलाओं की सुरक्षा, शत्रु संपत्ति, सीमा प्रबंधन, अवैध विदेशियों संबंधी मुद्दे, साइबर, जेल और फोरेंसिक, ड्रग्स तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा, मानव संसाधन विकास, नागरिक पंजीकरण, दोष सिद्धि दर में वृद्धि आदि एजेंडों को शामिल किया गया था.

नक्सली उन्मूलन की दिशा में आगे बढ़ रहा है छग
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने केंद्रीय गृहमंत्री को जानकारी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में पिछले साढ़े तीन वर्षों में नक्सली उन्मूलन को लेकर लगातार कार्य किए जा रहे हैं. इस दौरान नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बंद पड़े स्कूलों को फिर से प्रारंभ किया गया, ऐसे क्षेत्रों में अस्पताल खोले गए. ग्रामीणों के लिए पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई. प्रत्येक गांव में राशन दुकान खोले गए हैं. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को वन अधिकार पट्टों का वितरण किया गया है और आदिवासियों को उनकी जमीन वापसी कराई गई है.

जेल सुविधाओं में किया जा रहा विस्तार
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने चिंतन शिविर में कहा कि छत्तीसगढ़ में कुल 33 जेल हैं, जिसमें 5 केंद्रीय, 20 जिला और 8 उपजेल हैं. जेलों में नई बैरकों का निर्माण किया जा रहा है. साथ ही रायपुर और बिलासपुर में नए जेल भी शुरू करने के साथ ही जेल अदालतों का भी आयोजन किया जा रहा है. मंत्री साहू ने कहा कि कैदियों के अच्छे व्यवहार को देखते हुए 885 कैदियों की सजा माफ कर उन्हें रिहा किया गया है. छत्तीसगढ़ में आदिवासी अत्याचार के 321 प्रकरणों में 643 अभियुक्तों का विचारण कराया गया है.

पड़ोसी राज्यों से आ रही नशे की सामग्री
नशा उन्मूलन के एजेंडे पर चर्चा करते हुए मंत्री साहू ने केंद्रीय गृहमंत्री को जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ में कहीं भी गांजा की खेती नहीं होती बल्कि ओडिशा, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों से नशे की सामग्री राज्य में आती है. साहू ने कहा कि इसको रोकने के लिए सीमावर्ती क्षेत्र के 23 थानों को चिन्हांकित किया है और लगातार कार्रवाई की जा रही है. इस कार्रवाई में विगत 3 वर्षों में 1 लाख किलोग्राम से अधिक गांजा और 20 लाख से अधिक नशीली सीरप, टेबलेट, केप्सूलव इंजेक्शन जप्त करते हुए नशे के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. राज्य में भारत माता वाहिनी और निजात अभियान के माध्यम से नशामुक्ति के लिए जनजागरण अभियान भी चलाया जा रहा है.

महिला सुरक्षा के प्रति राज्य गंभीर
महिला सुरक्षा के मामले पर जानकारी देते हुए गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि हमर बेटी-हमर मान योजना में महिला पुलिस द्वारा राज्य के स्कूल-कॉलेज आदि स्थानों में जाकर गुड टच, बैड टच, साइबर अपराध, सोशल मीडिया जागरूकता, आत्म रक्षा और कानूनी अधिकारों के संबंध में जानकारी दी जा रही है. इसके साथ ही अभिव्यक्ति महिला सुरक्षा एप द्वारा संकट में फंसी महिलाओं की मदद की जा रही है. साहू ने बताया कि राज्य के प्रत्येक पुलिस थाना और चैकियों में महिला सेल का गठन किया गया है.

साइबर अपराध की रोकथाम के लिए बनी है यूनिट
साइबर अपराध के बारे में जानकारी देते हुए गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि वर्तमान में इंटरनेट के प्रचलन से साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है. इस पर रोकथाम के लिए रायपुर में साइबर थाना संचालित किया जा रहा है. इसके साथ ही रायपुर-दुर्ग-बिलासपुर में एंटी क्राइम एवं साइबर यू‌निट का गठन भी किया गया है. साइबर पुलिस द्वारा हेल्प लाइन नंबर 1930 के माध्यम से अब तक साइबर अपराध के मामलों में 3.72 करोड़ की राशि होल्ड कराई जा चुकी है.