आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या व बीजापुर ब्लॉस्ट और बड़े बोदल में कफन-दफन विवाद के मुद्दे पर सर्व आदिवासी समाज द्वारा बुलाए गए बंद को लेकर विवाद गहरा गया है. मसीह समाज ने बड़े बोदल वाली घटना में सरपंच को दोषी बताते हुए 24 घंटे के भीतर कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है. यह भी पढ़ें : IED Blast in Bijapur : नक्सलियों ने 3 साल पहले लगाई थी IED, जवानों के काफिले में थीं 9 गाड़ियां, 200 मीटर दूर पेड़ के पीछे से विस्फोट कर उड़ाई 8वीं गाड़ी
मसीही समाज प्रमुख सुदेश जेकब ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बंद को लेकर समाज की ओर से प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मसीह समाज ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर और बीजापुर ब्लास्ट में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की, साथ ही बड़े बोदल में कफन-दफन विवाद के दौरान हुई मारपीट और गर्भवती महिला पर हुए हमले की कड़ी निंदा की.
मसीह समाज के प्रमुख ने आरोप लगाया कि गांव के सरपंच ने गर्भवती महिला के पेट पर लात मारी, जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे की मृत्यु हो गई. उन्होंने कहा कि इस घटना के दोषी सरपंच पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
इसके साथ ही सरपंच को आदिवासी समाज का संरक्षण मिलने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसी संरक्षण के तहत ही बंद बुलाया गया है. इसके साथ ही मसीह समाज की ओर से चेतावनी दी है कि अगर 24 घंटे के भीतर दोषी सरपंच पर कार्रवाई या गिरफ्तारी नहीं होती है, तो वे उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे.
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