सत्या राजपूत, रायपुर. धमतरी के बठेना क्रिश्चियन हॉस्पिटल पर स्थानीय लोगों और विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष रामचंद्र देवांगन ने संगीन आरोप लगाए हैं. मरीजों के इलाज में लापरवाही, धोखाधड़ी और कथित धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए शिकायतकर्ताओं ने स्वास्थ्य मंत्री से शिकायत की है और आठ सूत्री मांगें रखी है. इस मामले में मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने जांच के निर्देश दिए हैं.

मंत्रालय में की गई शिकायत के प्रमुख मामले और आरोप

मामला नंबर 1 – मृत बच्चा जो जिंदा निकला

एक गर्भवती महिला को प्रसव के लिए हॉस्पिटल लाया गया. बच्चे का पैर बाहर निकल रहा था, लेकिन हॉस्पिटल वालों ने कह दिया कि बच्चा मर चुका है, रायपुर ले जाओ. 17,000 रुपए वसूलने के बाद रायपुर रेफर का ड्रामा शुरू हुआ, लेकिन परिवार ने समझदारी दिखाई और महिला को पास के ही दूसरे हॉस्पिटल में लेकर गया, जहां महिला ने बच्चे को जन्म दिया वो भी सिर्फ 5 मिनट में स्वस्थ और जिंदा. अगर रायपुर भेजते तो शायद यमराज का बुलावा आ जाता.

मामला नंबर 2 -MRI का इंतजार और यमराज का आगमन

एक एक्सीडेंट का मरीज लहूलुहान हालत में हॉस्पिटल पहुंचा. पेट में चोट, आंत फटी, लेकिन हॉस्पिटल ने इलाज की जगह MRI की कराने कहा. 24 घंटे तक मरीज तड़पता रहा, कोई इलाज नहीं हुआ. आखिरकार, कमीशन की खातिर उसे छोटे हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया. लगता है हॉस्पिटल का मकसद इलाज कम, रेफर ज्यादा है.

मामला नंबर 3- बच्चे का पैर तोड़ा, मां को रायपुर भेजा

मीनाक्षी साहू नाम की महिला को आठवें महीने में जबरन ऑपरेशन थिएटर में घसीटा गया. बिना परिवार की इजाजत के बच्चा निकाला गया और डॉ. संदीप पटौदा ने कथित तौर पर बच्चे का पैर दबाकर तोड़ दिया. बच्चे को कमजोर बताकर ICU में डाला, मां को “सर्दी-खाँसी” का बहाना बनाकर रायपुर रेफर कर दिया. परिवार को एक हफ्ते तक बच्चे से मिलने नहीं दिया गया. जब मिले तो बच्चा चीख रहा था. रायपुर AIIMS में जाकर हड्डी जुड़वानी पड़ी, लेकिन बच्चा अब स्थायी रूप से विकलांग है. यमराज भी शायद इतनी क्रूरता पर शरमा जाए.

मामला नंबर 4- किडनी फेल का फर्जीवाड़ा

एक मरीज को दोनों किडनी फेल बताकर लूट लिया गया. रायपुर में जांच हुई तो पता चला किडनी तो एकदम स्वस्थ है. हॉस्पिटल का ये डायग्नोसिस कम, लूट का धंधा ज्यादा लगता है.

धर्मांतरण का धंधा और नर्सिंग कॉलेज का खेल

शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है हॉस्पिटल के साथ चल रहे नर्सिंग कॉलेज में हिंदू छात्राओं पर ईसाई युवकों से शादी का दबाव बनाया जा रहा है. यहां धार्मिक स्वतंत्रता का हनन, मानवाधिकारों की धज्जियां और मरीजों के साथ आर्थिक शोषण किया जा रहा है. ये हॉस्पिटल एक पैकेज डील दे रहा है, जिसमें सिवाय इलाज के सब कुछ शामिल है.

ये है शिकायतकर्ताओं की मांगें

  1. दोषी डॉक्टरों पर हत्या और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हो, मेडिकल लाइसेंस रद्द हो.
  2. नर्सिंग छात्रों द्वारा इलाज पर रोक लगे.
  3. पीड़ितों को मुआवजा मिले.
  4. हॉस्पिटल सील कर निष्पक्ष जांच हो.
  5. नर्सिंग कॉलेज में धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित हो.
  6. जबरन धार्मिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगे.
  7. नर्सिंग होम एक्ट का सख्ती से पालन हो.
  8. लापरवाही से मौत पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो.

कार्रवाई की मांग और चेतावनी

जिला प्रशासन की निष्क्रियता के बाद शिकायतकर्ता ने मंत्रालय का रुख किया. यदि वहां भी कार्रवाई नहीं हुई तो मामले को लेकर कोर्ट जाने की बात कही है. वहीं स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के निर्देश दिए हैं. जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

हॉस्पिटल प्रबंधन की चुप्पी

इस मामले में बातचीत करने बठेना के क्रिश्चियन हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. संदीप पटोन्दा को कॉल किया गया. कई बार कॉल करने के बाद डॉ पटोन्दा ने कॉल उठाया, सवाल को सुनते ही हम न्यूज में जवाब नहीं देते कहते हुए कॉल को काट दिया.

सवाल और चिंता

यह मामला न केवल धमतरी बल्कि पूरे स्वास्थ्य सिस्टम पर सवाल उठाता है. जब अस्पताल ही मरीजों के लिए खतरा बन जाए तो भरोसा कहां बचेगा? यह मामला सिर्फ धमतरी का नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम पर सवाल उठाता है. जब अस्पताल ही मरीजों के लिए काल बन जाए तो भरोसा कहां बचेगा? अगर ये आरोप सही है तो यह यमराज का दूत नहीं बल्कि एक ऐसा राक्षस है, जिसे तुरंत कठघरे में लाना जरूरी है. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि मामले की जांच होगी. इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है. जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.