सुप्रिया पांडेय, रायपुर। कहते है कि डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होता है. ऐसा ही हमें तब देखने को मिलता है, जब एक डॉक्टर मरीज के चेहरे पर एक छोटी सी खुशी देखने के लिए कुछ कर दिखाए. कुछ ऐसा ही कर दिखाया बाल्को मेडिकल के डॉक्टरों ने…

बाल्को में कैंसर के मरीजों का इलाज किया जाता है. कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनकर ही घबराहट होने लगती है, लेकिन बाल्को मेडिकल सेंटर में न सिर्फ मरीजों का बेहतर इलाज होता है, बल्कि यहां के डॉक्टर मरीजों के मानसिक स्थिति का भी ध्यान रखते हैं. इसी सिलसिले में बालको मेडिकल सेंटर और रायपुर लेडीज सर्किल 90 द्वारा कैंसर पीड़ित बच्चों के लिए क्रिसमस पार्टी का आयोजन किया गया था.

कोटा स्थित कल्ब पराइजो में क्रिसमस पार्टी स्माइल 2020 का आयोजन किया गया था, जहां कैंसर पीड़ित बच्चों के लिए आकर्षक गतिविधियां आयोजित की गई थी. इसमें डांस परफॉर्मेंस, मैजिक शो, स्टोरी टेलिंग और गिफ्ट डिस्ट्रीब्यूशन जैसे कार्यक्रम शामिल थे. बीएमसी के इंद्रधनुष समूह द्वारा आयोजित कार्यक्रम में 25 से अधिक बच्चों ने अपने पैरेंट्स के साथ हिस्सा लिया, वहीं एआर रहमान की मिशन पानी संस्था से गायिका अंतरा और अंकिता नंदी ने बच्चों के लिए एक विशेष ऑनलाइन संगीत कार्यक्रम पेश किया.

बाल्को मेडिसिन सेंटर के सीईओ वेंकेट कुमार ने बताया कि बच्चों के कैंसर के इलाज की अवधि बहुत अधिक होती है, 6 महीने से दो-तीन साल तक भी इनका इलाज होता है, इस दौरान बच्चों को केवल घर पर ही बैठना होता है, बच्चों के परिजनों का सपोर्ट भी एक समय के बाद कमजोर पड़ने लग जाता है, तो हमने सोचा कि बच्चों के लिए एक कार्यक्रम होना चाहिए जहां उनकी मानसिक स्थिति थोड़ी सही हो सके. हमने सोचा कि अस्पताल से बाहर हम इस इवेंट को करते है, जिससे बच्चों को अच्छा माहौल मिलेगा, हम चाहते है कि हमारे अस्पताल के बच्चे मानसिक और शारिरिक दोनों तरफ से स्वस्थ्य हो.

इवेंट को लेकर आरएनसी अध्यक्ष अंकिता अग्रवाल ने बताया कि इस इवेंट का उद्देश्य बच्चों के चेहरे पर खुशी लाना है, हमने हॉस्पिटल के साथ क्रिसमस का कार्यक्रम रखा हुआ था, हमारे हॉस्पिटल में जितने लोग भर्ती है उनकी मुस्कान, उनकी खुशियों के बारे में भी हमे सोचना चाहिए, जो खुशी बच्चों को इन छोटे छोटे सेलेब्रेशन से मिलती है वो अनमोल है आज का पूरा इवेंट सिर्फ बच्चों के चेहरे पर खुशी लाने के लिए किया गया है

कंसल्टेंट ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन और प्रभारी ब्लड बैंक के डॉ. नीलेश जैन ने बताया कि बच्चों के चेहरे पर खुशियां लाने के लिए कोरोना के समय पर हमने गाइड लाइन का पालन करते हुए कार्यक्रम का आयोजन किया, हमने यहां ऐसे बच्चों को यहां बुलाया है, जो स्टेबल हैं. इनके इलाज में 6 महीने से 2 साल भी गुजर जाते हैं. बहुत सारे ट्रीटमेंट के दौर से उन्हें गुजरना पड़ता है.