शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश में एक बार फिर चर्च की जमीन बेचने का मामला सामने आया है। पूर्व बिशप पीसी सिंह की तर्ज पर जबलपुर में चर्च की जमीन का सौदा किया। वहीं इस मामले में चैरिटी कमिश्नर की भी अनुमति नहीं ली गई। इसके साथ ही जमीन के लेनदेन के मामले में सरकार और चर्च को भी चूना लगाया गया। ईओडब्ल्यू ने चर्च के सदस्यों के साथ बिल्डरों पर धोखाधड़ी के साथ कई अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। जमीन का लेनदेन एक करोड़ 62 लाख में तय हुआ था।

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ईओडब्ल्यू के अधिकारों में जानकारी देते हुए बताया कि, 7 जून को मामले को लेकर एक शिकायत दर्ज हुई थी। “मेथोडिस्ट चर्च इन इंडिया जबलपुर” जो कि मुंबई में रजिस्टर्ड है। माफियाओं से मिलकर चर्च की बेशकीमती जमीन को कम दाम पर भेज दिया गया। अधिकारियों ने आगे बताया कि, ट्रस्ट की किसी भी संपत्ति को बेचने या लीज पर देने से पहले चैरिटी कमिश्नर मुंबई से अनुमति प्राप्त करना जरूरी है। पर जबलपुर की भूमि बिना अनुमति के ही सेल डील के जरिए महेश ननकानी, घनश्यामदास ननवानी, रशमीत सिंह मल्होत्रा, महेश दुदानी को बेच दी।

वहीं 25 अक्टूबर 1994 को मुख्य सचिव की तरफ से एक आदेश जारी किया गया। जिसमें कहा गया था कि, चर्च के सदस्यों के अलावा अन्य व्यक्तियों को बेचने और लीज पर दिए जाने पर फिलहाल रोक है। इसके बावजूद भी मेथोडिस्ट चर्च इन इंडिया की जमीन को धोखाधड़ी कर बेच दिया गया। शिकायत के बाद यू डब्ल्यू के अधिकारियों ने मुंबई में चैरिटी कमिश्नर को एक पत्र लिखा। जिसमें इस बात की जानकारी मांगी गई कि उन्होंने जमीन बेचने के लिए क्या अनुमति दी।

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ईओडब्ल्यू के पत्र के बाद जवाब दिया गया कि साल 1989 से 2019 तक जबलपुर स्थित ट्रस्ट की जमीन को बेचने के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई है। वहीं जनरल सेक्रेटरी नदी पावर ऑफ अटॉर्नी ने साल 2008 से 16 के बीच बेची 5 संपत्ति। इसके साथ ही जांच एजेंसी यूएडब्ल्यू की जांच में खुलासा हुआ है कि जनरल सेक्रेटरी मोनानगी डेनियल ने पावर ऑफ अटॉर्नी मनीष गीडियन और रवि प्रसाद को दी थी।

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इसके बाद पहली बार साल 2008 में विनय पीटर, रवि थेडोर और जीपी केनलियस ने महेश कुमार को 50 लाख रुपए में जमीन का सौदा किया। जिसके बाद तीनों ने मिलकर रशमीत सिंह मल्होत्रा को 25 लाख रुपए में जमीन बेच दी। इसी तरीके से रविकांत अग्रवाल दुदानी को 25 लाख, फिर महेश कुमार ननकानी घनश्यामदास ननवानी को भी 25 लाख और साल 2016 में 37 लाख 50 हजार में महेंद्र सिंह गुजराल के साथ सौदा तय कर किया। अब तक कुल मिलाकर 1 करोड़ 62 लाख 50 हजार की संपत्ति बेच दी गई। वहीं EOW ने 12आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित कई अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

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