अजय शर्मा,भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Election) नजदीक आते ही नसीहतों का दौर शुरू हो गया है. एमपी कांग्रेस (MP Congress) में तमाम बड़े नेताओं को सर्कुलर जारी किया गया है. कांग्रेस के आंतरिक सर्कुलर में सीएम फेस और फिजूल की बयानबाजी से बचने की सलाह दी गई. अब पार्टी के अधिकृत प्रवक्ता ही ऐसे मामलों पर बोलेंगे.
एमपी कांग्रेस के प्रभारी जेपी अग्रवाल के सीएम फेस को लेकर की गई टिप्पणी से कमलनाथ ने बयानबाजी को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी. आलाकमान ने तमाम बड़े नेताओं से सीएम फेस पर बात करने से मना किया है. पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव, प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल की सीएम फेस पर की गई टिप्पणी के बाद पार्टी आलाकमान के सामने कमलनाथ समर्थकों ने नाराजगी जताई थी.
बीजेपी का आरोप
कांग्रेस के अंदर चल रहे सियासी घमासान पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता दीपक विजयवर्गीय निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कमलनाथ ने अपने लोगों के जरिए यह प्रोजेक्ट करवाया की वही एमपी कांग्रेस में सबकुछ है. जानकारी लग रही कि आलाकमान ने तय किया है कि उनके समर्थक अब उन्हें भावी मुख्यमंत्री नहीं बताएंगे. लेकिन आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद भी कांग्रेस के अंदर सिर फुटव्वल नहीं रुकेगी. क्योंकि कांग्रेस के अंदर प्रदेश से लेकर ब्लॉक स्तर तक गुटबाजी है. यह गुटबाजी आने वाले समय में भी खत्म नहीं होने वाली है.
कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस के अंदर जारी हुए सर्कुलर को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रवि सक्सेना ने कहा कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ का कोई मुकाबला नहीं है. एक से लेकर दस तक सभी नेता कमलनाथ के साथ कदमताल कर रहे हैं. सभी पार्टी के बड़े नेता कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के लिए कटिबद्ध हैं. सभी मेहनत शिद्दत से कर रहे हैं. बीजेपी को पहले अपना घर देखना चाहिए. उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उनके घर का हाल खुद बयां किया है. मध्यप्रदेश में किस तरीके से बीजेपी के अंदर हालत खराब है.
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