रायपुर. प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि केन्द्रीय गृहमंत्री का छत्तीसगढ़ आगमन बहुत ही महत्वपूर्ण घटना बन सकती है अगर अमित शाह जी यहां आकर सीएए और एनआरसी पर पुनर्विचार की घोषणा करें. देश के छात्रों के एक बड़े वर्ग में नौजवानों में भाजपा सरकार के नागरिकता कानून को लेकर गुस्सा उबल रहा है. अगर देश में भी सीएए और एनआरसी को लेकर आशंकायें है, तो इन आशंकाओं को दूर किया जाना चाहिये. हठधर्मिता से देश नहीं चलाया जा सकता है. किसी भी लोकतांत्रिक सरकार को देश हित में जनभावना को और सबके हितों को दृष्टिगत रखकर ही काम सकती है.

आज समय की आवश्यकता है कि केन्द्र सरकार सीएए और एनआरसी के विरोधियों से बातचीत शुरू करें. नागरिकता कानून को लेकर पूरे देशों में हर वर्ग, हर क्षेत्र, हर प्रांत में सबकी आशंकाओं को दूर किया जाना चाहिये. केन्द्र सरकार को भाजपा के राजनैतिक हितों को साधने के अलावा और कुछ भी नहीं सूझ रहा है, जबकि देश हित को सबसे ऊपर रखा जाना चाहिये. केन्द्र सरकार का नागरिकता कानून संविधान के खिलाफ है. केन्द्र सरकार हठधर्मिता छोड़े नागरिकता कानून को लेकर आंदोलनरत लोगों का दमन बंद करें.

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि देश में बेरोजगारी आज चरम पर है. अर्थव्यवस्था मंदी का शिकार है. महंगाई आसमान छू रही है. इन मूल मुद्दों से देश का ध्यान हटाने के लिए मोदी सरकार ने नागरिकता कानून का शिगूफा छोड़कर पूरे देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की साजिश रची है. अपना हथकंडा सफल ना होते देख भाजपा अब जनसंपर्क अभियान के नाम पर भाई से भाई को लड़ाने, धर्म से धर्म को लड़ाने का अभियान व्यापक रूप में चला रही है.

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि नोटबंदी की तरह ही नागरिकता कानून के माध्यम से मोदी सरकार पूरे देश को एक बार फिर से लाइन में खड़ा करना चाहती है. पढ़े-लिखे लोग संपन्न वर्गों के लोग तो शिक्षा के प्रमाण पत्र निवास के प्रमाणपत्र लाभ ही सकते हैं लेकिन आम आदमी गरीब आदमी मध्यम वर्ग का आदमी मजदूर भूमिहीन किसान कहां से यह प्रमाण पत्र लाएंगे? जनसंपर्क अभियान में भाजपा नेताओं से आम लोग आम नागरिक यह सवाल कर भी रहे हैं और इन सवालों का कोई जवाब भाजपा के पास नहीं है. जवाब होगा भी कहां से ? भाजपा ने तो सांप्रदायिकता फैलाने की साजिश के तहत यह अभियान शुरू किया है इसका देश की वास्तविकता से और जमीनी हकीकत से कोई लेना देना नहीं है.

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी को छत्तीसगढ़ में सीएए और एनआसी पर पुर्नविचार की घोषणा करनी चाहिये. छत्तीसगढ़ की गौरवशाली, शांतिपूर्ण समृद्ध परंपराओं को देखते हुये देश की वर्तमान राजनैतिक परिस्थिति में यह एक अच्छी पहल होगी. मध्यक्षेत्र परिषद की बैठक रायपुर (छत्तीसगढ़) में आयोजित है. मध्यक्षेत्र परिषद के उपाध्यक्ष छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी है. पांच राज्यों के मुख्यमंत्री, केन्द्रीय गृहमंत्री सभी लोग इस बैठक में भाग लेंगे. देश के संविधान में जो संघीय ढांचे की अवधारणा है उसके अनुरूप यह बैठक होगी. हमें पूरा विश्वास है कि इस बैठक से सकारात्मक चीजें निकल कर आयेगी.

भाजपा आरएसएस का मुखौटा मात्र

भाजपा की मदद के लिये आरएसएस को आगे आने के लिये कहे जाने पर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा आरएसएस का मुखौटा मात्र है. आरएसएस स्वयं को गैर राजनैतिक संगठन कहता है लेकिन वास्तव में भाजपा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जैसी संस्थाएं आरएसएस की अनुषंगिक संगठन ही है. महात्मा गांधी की हत्या के बाद गृहमंत्री सरदार पटेल ने आरएसएस पर बैन लगाया था. यह बैन 11 जुलाई 1949 को तब हटाया गया जब आरएसएस ने राष्ट्रीय ध्वज और संविधान पर निष्ठा व्यक्त की और राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहने की बात कही. लेकिन भाजपा के माध्यम से आरएसएस लगातार राजनीति में सक्रिय रहता है और सांप्रदायिक सदभाव को नुकसान पहुंचाने में लगा रहता है. विपरीत और विस्फोट परिस्थितियों में भी छत्तीसगढ़ हमेशा पूरे देश में सद्भावना का टापू रहा है और आरएसएस की सक्रिय होने से सरकार को और ज्यादा सचेत रहने की आवश्यकता है.

छत्तीसगढ़ के लोगों को भी और ज्यादा सचेत रहने की आवश्यकता है. छत्तीसगढ़ के आपसी भाईचारे को नुकसान पहुंचाने वाली किसी हरकत को हम सबको मिलकर रोकना है.
आरएसएस हमेशा चुनाव में सक्रिय होता है. भाजपा की मदद करता है. लेकिन अभी तो कोई और चुनाव नहीं है और ऐसे समय में यदि आरएसएस को सक्रिय होने के लिये भाजपा कह रही है तो स्वाभाविक रूप से राज्य के भाजपा नेतृत्व और राज्य के भाजपा नेताओं की विफलता के परिणाम स्वरूप आरएसएस को मैदान में उतारना पड़ रहा है. हम लोग पहले भी भाजपा और आरएसएस से लड़ते रहे है. हम इस लड़ाई को जारी रखेंगे. और ज्यादा सावधानी से और ज्यादा तत्परता से हम कांग्रेस के लोग, हम छत्तीसगढ़ के लोग सांप्रदायिक ताकतों से लड़ेंगे.