रायपुर। देश के श्रमिक आन्दोलन के भारी विरोध के बावजूद 29 श्रम कानून को बदलकर चार श्रम संहिता में बदल दिए जाने तथा किसानों के भारी विरोध के बावजूद संसदीय प्रजातंत्र के मान्य नियमों की धज्जियां उड़ाकर विपक्ष की अनुपस्थिति के बाद भी उसे पारित कर दिए जाने का विरोध सीटू कार्यकर्ताओं ने किया. इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर आज देशव्यापी सत्याग्रह व जेल भरो आंदोलन के तहत रायपुर में सीटू कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी.
सीटू के राज्य सचिव धर्मराज महापात्र ने कहा कि किसान आंदोलन पर है, मजदूरों ने 26 नवम्बर को अभूतपूर्व हड़ताल की लेकिन केंद्र की मोदी सरकार अपने कारपोरेट परस्ती में देश विरोधी नीतियों को ही आगे बढ़ाने में लगी है. सरकार के इन कदमों का जबरदस्त विरोध करने तथा किसान आन्दोलन के को मजबूत करने सीटू ने 8 जनवरी को देश भर में धरना, प्रदर्शन, घेराव, जेल भरो आंदोलन का आव्हान किया था. इस आंदोलन के तहत सीटू की ओर से दोपहर 12 बजे बूढ़ातालाब धरना स्थल पर प्रदर्शन किया और गिरफ्तारी दी.
महापात्र ने बताया कि इसके पूर्व सीटू की ओर से जिला प्रशासन के प्रतिनिधि को प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपकर मजदूर विरोधी चारों श्रम संहिता को रद्द करने, किसान विरोधी तीनों कृषि कानून और बिजली कानून संशोधन बिल वापस लेने, सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण बंद करने, सभी गैर आयकर दाता परिवार को 7500 रुपए प्रतिमाह भुगतान किए जाने, सभी जरूरतमंदों को प्रति व्यक्ति 10 किलो अनाज उपलब्ध कराए जाने, मनरेगा के तहत 700 रुपए प्रतिदिन मजदूरी के साथ 200 दिन का काम देने, कानूनी रूप से इसमें शहरी गरीबों को भी शामिल करने कानून बनाने, एन पी एस रद्द कर, पुरानी पेंशन योजना लागू करने, सभी के लिए सामाजिक सुरक्षा और सभी के लिए निशुल्क सार्वभौमिक सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने की मांग की गई.
इसके बाद जिला कार्यालय की और कूच कर रहे सीटू के प्रमुख नेता एम के नंदी, धर्मराज महापात्र, एस सी भट्टाचार्य, प्रदीप गभनें, मारुति डोंगरे, नवीन गुप्ता, विभाष पैतूंडी, प्रदीप मिश्रा, सुरेन्द्र शर्मा, बी के ठाकुर, अतुल देशमुख, के के साहू, ऋषि मिश्रा, ए आर खान, अभिजीत घोष, मनोज देवांगन, सुरेश देवांगन, दिलीप भगत, अनिल कश्यप, सतीश शुक्ला, महेंद्र साहू, गणेश झा, अरुण गुप्ता, लाल बहादुर की गिरफ्तारी हुई जिन्हें बाद में मुचलके पर रिहा किया गया.
सीटू नेताओं ने मोदी सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि एक ओर यह सरकार देश बेचने पर आमादा है दूसरी ओर मंहगाई की मार से जनता के जेब पर डाका डाला जा रहा है पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की कीमत में लगी आग इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है. सीटू ने किसानों के साथ पूर्ण एकता का ऐलान करते हुए कहा कि जब तक कानून की वापसी नहीं होगी यह आन्दोलन जारी रहेगा.