रायपुर। देश के कोल ब्लॉकों की नीलामी और इसके व्यवसायिक खनन की अनुमति देने के मोदी सरकार के फैसले के विरोध में शुक्रवार को सीटू और माकपा ने कोयला मंत्री की यात्रा के दौरान विरोध-प्रदर्शन किया.

सीटू के राज्य सचिव धर्मराज महापात्र ने कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ कोयला श्रमिकों की 2-4 जुलाई को तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बावजूद केंद्र सरकार अपने निर्णय पर पुनर्विचार की बजाय इस सम्पदा को बेचने के रास्ते पर चल रही है, जो शर्मनाक है. ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने कोल ब्लॉक की नीलामी के फैसले को वापस लेने की मांग की है.

उन्होंने कोयला के व्यवसायिक खनन का प्रदेश के आदिवासी समुदायों पर पड़ने वाले सामाजिक और पर्यावरणीय दुष्प्रभाव, जैव विविधता और समृद्ध वन्य जीवों के विनाश, राज्यों के अधिकारों और संविधान की संघीय भावना के अतिक्रमण को देखते हुए झारखंड सरकार की तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार को भी कोर्ट में चुनौती देने की मांग की है. इस संबध में मुख्यमत्री भूपेश बघेल को एक पत्र भी भेजा जा रहा है.

मोदी सरकार की इस नीतियों के खिलाफ कोयला उद्योग के मजदूरों की 18 अगस्त को पुनः प्रस्तावित एकदिवसीय देशव्यापी हड़ताल का समर्थन करते हुए उस दिन पूरे प्रदेश में उनके समर्थन में एकजुट कार्रवाई का भी ऐलान किया. इस प्रदर्शन में प्रदीप मिश्रा, अजय, विभाष पैतूंडी, उसद शामिल थे.