रायपुर. एम्स (AIIMS) में वर्षों से विभिन्न पदों पर काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित करने की बजाय रिक्त पदों पर भर्ती के विज्ञापन जारी करने पर रोष व्यक्त करते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की जा रही है. इस मांग को लेकर एम्स आउटसोर्सिंग एंप्लॉयज एसोसियेशन (सीटू) ने रायपुर सासंद सुनील सोनी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा है.

सीटू के एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें राज्य सचिव धर्मराज महापात्र, एस सी भट्टाचार्य, एम्स आउटसोर्सिंग एंप्लॉयज एसोसियेशन के अध्यक्ष मारुति डोंगरे, माकपा जिला समिति सदस्य अतुल देशमुख और एम्स के अन्य कर्मचारी शामिल थे. सीटू ने करोना के समय अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा देने वाले इन कर्मचारियों को स्थाई पद पर नियमित करने की बजाय एम्स में बाहरी भर्ती को रोकने सांसद सुनील सोनी से हस्तक्षेप की मांग की. इन कर्मचारियों ने नियुक्ति के समय सारे परीक्षा देकर एम्स में कार्य आरंभ किया था.

सीटू का कहना है कि इतने साल की सेवा के बाद नई भर्ती कर इनकी छंटनी की साजिश की जा रही है. इनमें से अधिकांश की अब ऐसी उम्र भी नहीं रही कि वे किसी अन्य प्रतियोगी परीक्षा या सेवा में हिस्सा ले सकें. ये अन्याय के साथ अमानवीय भी है. सीटू ने एम्स में अलग-अलग काम में आउटसोर्स के लिए काम कर रहे ठेका कंपनी के द्वारा केंद्र सरकार के सभी श्रम कानून का उल्लंघन कर श्रमिको के अमानवीय शोषण पर भी अपने असंतोष से उन्हे अवगत कराया. यहां तक कि केंद्रीय उप श्रमायुक्त के समक्ष हुए स्वयं किए गए समझौते का भी कई कंपनी पालन नहीं करती और एम्स प्रबंधन प्रिंसिपल एंप्लायर होने के बावजूद श्रमिक शोषण पर चुप्पी साधे रहता है. सांसद ने सीटू की मांग से सहमति जाहिर करते हुए इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और गवर्निंग बॉडी की बैठक में भी उनके द्वारा किए पहल से अवगत कराते हुए इस पर उचित हस्तक्षेप का आश्वासन दिया.

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें