रायपुर। देश में सुरक्षा उपकरणों की कमी की वजह से कोरोना वारियर्स डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ के संक्रमित होने और उनकी मौत के मामलों को लेकर श्रमिक यूनियन सीटू 14 मई को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए देश भर में विरोध प्रदर्शन करेगा.

माकपा सचिव धर्मराज महापात्रा ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि विरोध प्रदर्शन के तहत सीटू के कार्यकर्ता 14 मई को ताला बंदी के नियमों व सोशल सामाजिक दूरी का पालन करते हुए सुबह 10 बजे से 10 मिनट के लिए अपने घरों व कार्य स्थल पर काली पट्टी लगा कर तख्तियां ले कर विरोध प्रदर्शन करेंगे. इसकी सबसे ज़्यादा मार योजना मजदूर पर पड़ रही है, लगभग 10 लाख आशा/मितानिन श्रमिक सुरक्षा उपकरण से वंचित हैं जबकि वे घर – घर जा कर सर्वे कर रहे हैं. लगभग 26 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जो घर घर जा कर सर्वे के साथ ही रोगियों की निगरानी के लिए नियुक्त किए जा रहे है उन्हें भी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं है.

मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में इनमे से कई के मौतों की जानकारी भी मिली है. राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन के कर्मचारी, ठेके पर काम कर रहे पैरा मेडिकल स्टाफ, स्वास्थ्य स्वयं सेवक, 108 एम्बुलेंस चालक 24 घंटे अपनी जान जोखिम में डाल कर दूसरो के जीवन की रक्षा कर रहे हैं. इसके बदले में इन्हें महीनों तक वेतन तक नहीं मिलता क्योंकि ये ठेके पर काम कर रहे है. मोदी सरकार ने जिस 50 लाख रुपए के बीमा पैकेज की घोषणा की है उसके दायरे में भी इन्हे शामिल नहीं किया गया है. इसके अलावा लाखों मजदूर जो जनता को भोजन ,पानी , बिजली, बैंकिंग परिवहन और अन्य आवश्यक सेवाएं देने वाले पंचायत / नगर पालिका/ नगर निगम के सफाई कर्मचारी, ग्रामीण चौकीदार के साथ ही पुलिस और अर्ध सैनिक बल के लोग भी आवश्यक सुरक्षा उपकरणों से वंचित है. इसीलिए सीटू ने अग्रिम पंक्ति के सभी काम करने वालो के सुरक्षा उपकरण, कोविड – 19 दूषित रेड ज़ोन के कर्मियों के लिए पीपीई किट उपलब्ध कराने, उनका निशुल्क करोना परीक्षण कराने , 50 लाख के बीमा सुरक्षा दायरे में उन्हें शामिल करने, इस काम में लगे सभी ठेका व योजना मजदूरों को 25000 रू प्रति माह प्रोत्साहन राशि देने, काम करते हुए संक्रमित मजदूरों को न्यूनतम 5 लाख रुपए का मुआवजा देने, सभी गैर कर दाता परिवार को 7500 रू का अनुदान देने, स्वास्थ्य प्रणाली का निजीकरण रोक कर, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने तथा स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 5% खर्च किए जाने की मांग की है.

सीटू ने अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी के साथ-साथ आम जनता व अन्य मजदूरों, कर्मचारियों से भी कल के इस विरोध दिवस को सफल बनाने की अपील की है. सीटू ने साथ ही प्रदेश में नमक के कालाबाजारी पर रोक के लिए तत्काल कदम उठाने व इसकी फुटकर दुकानों में आपूर्ति सुनिश्चित कर संकट के समय इसकी कालाबाजारी करने वालो पर सख्त कार्यवाही की मांग की है.