मेरठ. दीपावली जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, हवा में धूल, धुंध, धुआं का स्तर बढ़ता जा रहा है. बुधवार को मेरठ का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 364 के स्तर पर पहुंच गया. खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी हवा से लोगों का दम घुटने लगा है, सांस लेने में तकलीफ होने लगी है. बावजूद इसके एक्यूआई स्तर को बढ़ने से रोकने के लिए बने नियमों का पालन कराने में अफसर अपनी जिम्मेदारी निभाने में फेल हैं.
नई सड़क किनारे नगर निगम द्वारा बनाए जा रहे नए भवन के लिए मिट्टी की खुदाई का काम चल रहा है. जिससे क्षेत्र में धूल का गुबार उड़ रहा है. गेट पर प्रवर्तन दल का पहरा है. अगर कोई उड़ती धूल का विरोध करता है तो पहरेदारों से भिड़त होती है.
टीपीनगर, खत्ता रोड, रेलवे रोड, कंकरखेड़ा, पल्लवपुरम, लोहियानगर में खुले में निर्माण सामग्री रोड़ी, रेत, बजरी बेची जा रही है. इन निर्माण सामग्रियों को ढका नहीं गया है. पानी का छिड़काव भी नहीं हो रहा है.
यह भी पढ़ें: गोरखपुर में घर में घुसकर युवती से छेड़खानी, मुकदमा दर्ज
पराली जलाने पर पाबंदी है. सेटेलाइट के जरिए भी इसकी निगरानी की जा रही है. इसके बाद भी खेतों में पराली जलाई जा रही है. परीक्षितगढ़ क्षेत्र के गांव सिकंदरपुर में खेतों में पराली जलाने पर किसान अंकित पर 2500 रुपये जुर्माना भी लगाया गया. इसके बाद भी कई जगह से पराली जलाए जाने की सूचनाएं हैं. जिला कृषि अधिकारी राजीव कुमार ने बताया चेतावनी दी गई कि अगर किसानों ने गन्ने की पत्ती जलाई तो उनकी चीनी मिल से गन्ना पर्ची रोकने पर विचार किया जाएगा.