परवेज आलम/बगहा: जिले में बार और बेंच की कड़ी बनने वाले न्यायालय कर्मचारी खुद न्याय की मांग करते हड़ताल पर चले गए हैं. न्यायिक कर्मियों के अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन पर जाने के कारण न्यायपालिका की कार्य व्यवस्था चरमराई गईं है. इतना ही नहीं बेमियादी हड़ताल से न्यायालय का कामकाज भी मानो पूरी तरह ठप्प हो गया है. लिहाजा न्याय के मंदिर में मुवक्किलों और वकीलों को खासा परेशानी हो रही है.
कोर्ट परिसर में धरना प्रदर्शन
दरअसल, बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के आह्वान पर कोर्ट परिसर में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है, जिसमें वेतन विसंगति दूर करने के साथ 4200 ग्रेड पेय की मांग पर न्यायिक कर्मी अड़े हुए हैं. इसके अलावा तृतीय और चतुर्थ वर्ग कर्मचारीयों को शीघ्र पदोन्नति देने की भी मांग हो रही है. वहीं, शत प्रतिशत अनुकम्पा पर बहाली करने की बात कर रहे कर्मियों ने बिहार सरकार से अविलम्ब विशेष न्यायिक कैडर लागू करने की मांग का पुरजोर समर्थन किया है. बताया जा रहा है की बिहार सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुट न्यायिक कर्मचारियों ने मांगे पूरी होने तक अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया है.
सरकार की नीतियों का विरोध
इस दौरान कचहरी परिसर में नाराज न्यायिक कर्मियों ने सिस्टम के विरोध में जमकर नारेबाजी किया और न्याय की मंदिर में न्याय नहीं मिलने की पीड़ा का जिक्र करते हुए सरकार की नीतियों का विरोध शुरू कर दिया है. बता दें कि अपनी 4 सूत्री मांगों के समर्थन में आज से राज्यभर के न्यायिक कर्मचारियों ने बेमियादी हड़ताल कर न्यायालय के कार्यों से खुद को अलग कर लिया है और मांगे पूरी नहीं होने तक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे रहने की बात कही है.
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