कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। बुधवार को देश के 244 इलाकों में युद्ध के दौरान बचाव के तरीकों पर मॉकड्रिल आयोजित होगी। जिसमें मध्य प्रदेश के 5 जिले की 06 जगह शामिल की गई है। मॉकड्रिल की तैयारी को लेकर ग्वालियर में टेबल टॉप एक्सरसाइज बैठक आयोजित की गई।
ग्वालियर के बाल भवन में जल-थल-नभ सेना, NCC कैडेट्स सहित भारतीय रक्षा अनुसंधान यानी DRDE के अधिकारी महत्वपूर्ण बैठक में शामिल हुए। युद्ध जैसी आपदा खासकर कैमिकल बायलोजिकल वॉर में क्या और कैसे किया जाए इसको लेकर होने वाली मॉकड्रिल की तैयारी को अंतिम रूप दिया गया। इस टेबल टॉप एक्सरसाइज के दौरान मॉक ड्रिल में कौन से अधिकारी, कैडेट्स, हॉस्पिटल सहित आम और प्रशासनिक लोग क्या भूमिका निभाएंगे, इसको लेकर भी जानकारी दी गई।
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कैटेगरी 2 में है ग्वालियर
भारत की सैन्य शक्ति और रक्षा अनुसंधान के हिसाब से ग्वालियर बहुत महत्वपूर्ण है। ग्वालियर में BSF एकेडमी, आर्मी बेस, CRFP ट्रेनिंग सेंटर, एयरफोर्स स्टेशन के साथ ही रक्षा अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण DRDE सेंटर है। यही वजह है की ग्वालियर को गृह मंत्रालय ने सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स की कैटेगरी-02 में रखा है। इसके साथ ही MP के ही भोपाल, इंदौर, जबलपुर और कटनी को भी इसमें शामिल किया गया है।
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बुधवार को होने वाली इस मॉकड्रिल में 08 पॉइंट के आधार पर काम किया जाएगा। जो इस प्रकार है…
- सायरन बजाना- हवाई हमले की चेतावनी देने के लिए सायरन बजाया जाएगा।
- सेल्फ डिफेंस– युद्ध के समय नागरिकों को खुद की रक्षा के लिए ट्रेनिंग देना।
- ब्लैकआउट– युद्ध के दौरान ब्लैकआउट यानी लाइट पूरी तरह से बंद करना और उस समय किस तरह के कदम उठाए जाएं इस टास्क को परफॉर्म कराना।
- महत्वपूर्ण जगह– इलाके के महत्वपूर्ण कारखाने और ठिकानों को हमले के वक्त किस तरह सेफ़ किया जाए या फिर छुपाया जाए।
- सेफ प्लेस– युद्ध के समय जगह को खाली करना और लोगों को सेफ प्लेस तक पहुंचाने की ट्रेनिंग।
- ऑपरेशन मैनेजमेंट– आम नागरिकों की मदद करने वाली टीम फायर फाइटर्स रेस्क्यू ऑपरेशन का मैनेजमेंट करना।
- कंट्रोल रूम– युद्ध जैसी इमरजेंसी के समय कंट्रोल रूम और सहायक कंट्रोल रूम की वर्किंग का रिव्यू करना।
- एयररेड वॉर्निंग– एयररेड वॉर्निंग सिस्टम की अलर्टनेस चेक करना, एयर फोर्स के साथ हॉटलाइन और रेडियो कम्युनिकेशन को जोड़ना।
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ग्वालियर में आयोजित होने वाली मॉकड्रिल के प्रभारी अधिकारी भू अभिलेख अधीक्षक रविनंदन तिवारी ने बताया है कि आईटीआई कॉलेज से बिरला अस्पताल तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर आपदा प्रबंधन गतिविधियों को जीवंत किया जाएगा। जिसमें भारतीय सेना के साथ एडमिनिस्ट्रेशन और एनसीसी कैडेट्स शामिल होंगे। इसके बाद बाल भवन में मॉक ड्रिल परफॉर्मेंस का रिव्यू होगा।
शहर में मॉकड्रिल का समय सुबह 9.30 बजे था, लेकिन गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद शाम 4 से 8 के बीच हो गया है। ITI तिराहा से बिरला नगर तक मॉकड्रिल होगी। जिसमें एयरफोर्स, मिलिट्री, DRDO, BSF, CRPF जवान शामिल होंगे। जिला प्रशासन, SDRF, मेडिकल टीम भी शामिल होगी। ड्रिल के दौरान ग्रीन कॉरिडोर बनेगा। वहीं रात 7 से 8 बजे के बीच ब्लैकआउट होगा।
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